हिसार के एक निजी अस्पताल में चार साल के बच्चे कर्ण के नाक का ऑपरेशन करने के बाद बेहोशी की हालत में चिकित्सक ने छुट्टी कर दी। परिजन बच्चे को घर राजस्थान के राजगढ़ ले गए। शनिवार रात को बच्चे की तबीयत बिगड़ गई। परिजन उसे राजगढ़ के एक निजी अस्पताल में ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजन रविवार को बच्चे के शव को लेकर नागरिक अस्पताल पहुंचे और शहर थाना पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने परिजनों के बयान पर इत्तफाकिया कार्रवाई करते हुए शव का पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
राजस्थान के राजगढ़ के रहने वाले सतबीर ने बताया कि चार के बेटे कर्ण के नाक का मास बढ़ रहा था। इसके चलते बेटे को दर्द होता था। शनिवार दोपहर को उसको शहर के एक निजी अस्पताल में लेकर आए थे। चिकित्सक ने जांच के बाद ऑपरेशन करने की बात कही। उसके बाद बेटे का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद बेहोशी की हालत में उसे बेड पर लिटा दिया। थोड़ी देर बाद चिकित्सक ने कहा कि इसे घर ले जाओ।
परिवार ने जब चिकित्सक से कहा कि बच्चे को अभी होश नहीं आया, लेकिन चिकित्सक ने जबरन छुट्टी कर दी। उसके बाद वह बच्चे को घर ले गए। रात 12 बजे के करीब बेटे की हालत बिगड़ गई। चिकित्सक को फोन किया तो उसने कहा कि बच्चे को नजदीकी अस्पताल ले जाओ। जब बेटे को राजगढ़ के एक निजी अस्पताल में ले गए तो वहां पर चिकित्सकों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
रविवार सुबह बेटे के शव को लेकर नागरिक अस्पताल पहुंचे और शहर थाना पुलिस को चिकित्सक के खिलाफ शिकायत दी। आरोप है कि चिकित्सक ने ऑपरेशन के बाद कर्ण को होश न आने से पहले की छुट्टी दे दी। चिकित्सक की लापरवाही के कारण कर्ण की मौत हो गई।