संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राजदूत अब्दुलनासेर अल्शाली ने सोमवार को भारत और यूएई के बीच ‘कंबाइंड स्काइज’ विमानन समझौते का प्रस्ताव रखा। उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के लिए मजबूत हवाई संपर्क की आवश्यकता पर जोर दिया।
एक इंटरव्यू में राजदूत अल्शाली ने कहा कि दोनों देशो को विमानन क्षेत्र में मिलकर काम करना चाहिए और एक ऐसी स्थिति पर विचार करना चाहिए, जिसमें दोनों देशों के लिए एक साझा आसमान हो, न कि हर देश के लिए अलग आकाश। इससे दूसरे क्षेत्रों को भी गति मिलेगी। हम उभरती हुई तकनीकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), सुपरकंप्यूटिंग और जीनोम के बारे में बात कर रहे हैं और सभी प्रकार की चीजों को देएख रहे हैं, लेकिन हमें इन सभी क्षेत्रों में भी गति सुनिश्चित करनी होगी।
उन्होंने कहा, हमारे पास विमानन के लिए एक स्पष्ट योजना है। यूएई में हमने जो प्रस्ताव तैयार किया है, वह मेरे मुताबिक बहुत अच्छा और निष्पक्ष है। हमें बस बैठकर इस पर चर्चा करनी है और आगे बढ़ने के रास्ते पर सहमति बनानी है। ताकि दस साल बाद हम दोनों देशों के आसमान को देखकर गर्व महसूस करें और महसूस करें कि अब यह सचमुच ‘कंबाइंड आकाश’ है।
पिछले महीने यूएई दौरे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस प्रस्ताव को लेकर कहा था कि भारत-यूएई संबंध आज सचमुच नए मील पत्थर पर पहुंच चुके हैं। भारत और यूएई के बीच राजनयिक संबंध 1972 में स्थापित हुए थे। यूएई ने 1972 में भारत में अपना दूतावास खोला था। जबकि भारत ने 1973 में यूएई में अपना दूतावास खोला।