यूपी: हेरिटेज पर्यटन नीति जल्द, पुराने किलों-हवेलियों को होटल बनाने की योजना

पर्यटन विभाग प्रदेश में हेरिटेज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही हेरिटेज पर्यटन नीति लाएगा। इसके माध्यम से प्रदेश में निवेशकों को काफी सहूलियत व छूट देने की तैयारी है। एक होटल में शनिवार को हुए हेरिटेज कॉन्क्लेव में यह जानकारी पर्यटन व संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने दी। उन्होंने कॉन्क्लेव में आए निवेशकों से प्रस्तावित नीति के लिए सुझाव भी मांगे।

उन्होंने कहा कि पर्यटन विकास में हेरिटेज की बहुआयामी भूमिका है। कहा, हमारी कोशिश है कि राजघरानों की धरोहरों को पीपीपी मॉडल के तहत विकसित किया जाए और यहां पहुंचने के लिए पर्यटकों को सड़क व वायु मार्ग जैसी बेहतर सुविधाएं मिलें। प्रदेश में बड़ी संख्या में किले, राजमहल और कोठियां हैं। विभाग का प्रयास है कि इन्हें उपयोगी बनाकर पर्यटकों को आकर्षित किया जाए। उन्होंने बुंदेलखंड के विकास के लिए प्रतिबद्धता जताई। कहा, हाल ही में लखनऊ से दुधवा के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की गई है। निवेशकों के सुविधानुसार हेलीकॉप्टर सेवा का विस्तार भी किया जाएगा।

कॉन्क्लेव में पर्यटन विभाग की विशेष सचिव ईशा प्रिया ने प्रस्तुतीकरण दिया और निवेशकों को मिलने वाली रियायतों व सुविधाओं की जानकारी दी। नीमराना होटल्स के ऋषि पुरी और एमआरएस ग्रुप जैसलमेर के मानवेंद्र सिंह शेखावत ने भी प्रस्तुतीकरण दिया। 

निवेशकों ने सरकार की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि यूपी की पर्यटन नीति काफी बेहतर है। कहा, लखनऊ में छतर मंजिल व कोठी रोशनउद्दौला व चुनार का किला विकसित कर रहे हैं। आगे कुछ और प्रस्ताव पर भी विचार हो रहा है। कॉन्क्लेव में कई निवेशकों, 52 राज घरानों के प्रतिनिधि, होटल मालिक, इन्वेस्टर, रियल स्टेट कारोबारियों ने भी विचार रखे। कॉन्क्लेव में पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह का वीडियो संदेश भी प्रसारित किया गया। कार्यक्रम में निदेशक पर्यटन प्रखर मिश्रा भी शामिल हुए।

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