बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले का विरोध, पेट्रापोल सीमा पर भाजपा विधायक और हजारों लोगों का प्रदर्शन

पश्चिम बंगाल में शनिवार को भारत-बांग्लादेश सीमा पर पेट्रापोल में हजारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित हमलों और अत्याचारों के साथ-साथ हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की हाल ही में हुई गिरफ्तारी पर नाराजगी जताई है।

भाजपा विधायक अंबिका रॉय ने किया प्रदर्शन का नेतृत्व
जानकारी के मुताबिक इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व पश्चिम बंगाल के कल्याणी से भाजपा विधायक अंबिका रॉय ने किया। इस दौरान उन्होंने हिंदू संपत्ति की रक्षा करने और राजधानी ढाका समेत धार्मिक स्थलों पर आगजनी और तोड़फोड़ को रोकने में विफल रहने के लिए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।

भड़काऊ बयान देना बंद करें बांग्लादेशी नेता’
बता दें कि, ‘यूनाइटेड फोरम ऑफ बंगालीज इन इंडिया’ के बैनर तले एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि बांग्लादेश के राजनीतिक नेता और पूर्व सैन्य अधिकारी भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान देना बंद करें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में विश्वास करता है और उसका कोई साम्राज्यवादी एजेंडा नहीं है, हालांकि उसके सुरक्षा बल किसी भी दुस्साहस का मुकाबला करने के लिए सतर्क रहते हैं।

बीएसएफ ने जीरो प्वाइंट से पहले ही रैली को रोका
इस मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए विधायक अंबिका रॉय ने कहा कि वह एक भारतीय नागरिक के रूप में प्रदर्शन में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यह एक गैर-राजनीतिक रैली थी। उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, उसका हर भारतीय को विरोध करना चाहिए।’ सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने प्रदर्शनकारियों को सीमा पर जीरो प्वाइंट तक पहुंचने से रोकने के लिए विरोध स्थल के पास रेलिंग लगा दी थी।

यूनुस सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी- राधारमण दास
इस बीच, इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने शहर में पत्रकारों से कहा कि बांग्लादेश में कुछ समूहों के बयानों से अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं में असुरक्षा की भावना पैदा हुई है। उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि बेहतर समझ पैदा होगी और मोहम्मद यूनुस सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।’

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