नहीं रहे तबला वादक जाकिर हुसैन, 73 की उम्र में ली अंतिम सांस, परिवार ने की पुष्टि

तबला वादक जाकिर हुसैन का निधन हो गया है. उन्होंने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली. यहां उनका इलाज चल रहा था. उनके परिवार ने सोमवार को उनके निधन की पुष्टि की. संगीतकार पिछले दो हफ्ते से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के कारण अस्पताल में भर्ती थे. 

बता दें कि रविवार को भी जाकिर हुसैन के निधन की खबर फैल गई थी हालांकि एबीपी न्यूज ने लंदन में रहने वाली जाकिर हुसैन की बड़ी बहन खुर्शीद औलिया से बात की तो उन्होंने उस समय जाकिर हुसैन की मौत की खबर को गलत बताया था. खुर्शीद ने कहा कि उनकी बेटी इस वक्त सैन फ्रांसिसको में अस्पताल में है और कुछ वक्त पहले उनकी बेटी‌ ने उन्हें बताया कि जाकिर हुसैन जीवित हैं और उनके मरने की तमाम खबरें गलत हैं. हालांकि उन्होंने जाकिर हुसैन की हालत नाजुक बताई थी.

वहीं सोमवार सुबह परिवार ने जाकिर हुसैन के निधन की पुष्टि कर दी है. परिवार ने जाकिर की मौत की पुष्टि करते हुए ऑफिशियल स्टेटमेंट भी जारी की है.  वहीं जाकिर हुसैन की मौत की खबर से उनके फैंस में शोक की लहर दौड़ गई है. 

कौन थे जाकिर हुसैन? 
ज़ाकिर हुसैन बेहद मशहूर तबला वादक थे. उन्होंने इंटरनेशनल लेवल पर अपनी पहचान बनाई थी. 1951 में उस्ताद अल्लाह रक्खा के घर जन्मे जाकिर बचपन से ही बेहद टैलेंटेड थे. उन्होंने सात साल की उम्र में ही परफॉर्म करना शुरू कर दिया था. दशकों से, उनकी प्रतिभा और नवीनता ने तबले को अभूतपूर्व वैश्विक पहचान दिलाई है.

जाकिर हुसैन न सिर्फ एक महान तबला वादक थे बल्कि एक बेहतरीन संगीतकार भी थे. उन्होंने हीट एंड डस्ट और इन कस्टडी जैसी फिल्मों के लिए म्यूजिक भी दिया था. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय बैले और आर्केस्ट्रा प्रोडक्शन के लिए कुछ मैजिकल कंपोजिशन  भी बनाई थीं. उनके समर्पण, जुनून और कौशल ने उन्हें कई पुरस्कार दिलाए, जिनमें पद्म भूषण, पद्म श्री और बेस्ट कंटेम्परेरी वर्ल्ड म्यूजिक एल्बम के लिए ग्रैमी अवॉर्ड शामिल हैं.

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