आंदोलन में शामिल एक और किसान ने की आत्महत्या, टिकरी बॉर्डर पर लगाई फांसी

हरियाणा में रविवार को आंदोलनरत तीन किसानों की मौत हो गई है. इनमें से एक किसान कुंडली बॉर्डर पर अपनी ट्रैक्टर-ट्राली में मृत मिला. वहीं टीकरी बॉर्डर पर बुजुर्ग किसान की दिल का दौरा पड़ने से मौत गई है जबकि तीसरे किसान ने टीकरी बॉर्डर पर फांसी लगा जान दे दी.

हरियाणा के हिसार जिले के एक किसान ने रविवार को टीकरी बॉर्डर विरोध स्थल से लगभग सात किलोमीटर दूर एक पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतक किसान की पहचान हरियाणा के हिसार जिले के सिसाय गांव के रहने वाले राजबीर (47) के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि किसान राजबीर काफी दिनों से किसान आंदोलन में लंगर सेवा में जुटा था.

राजबीर ने एक सुसाइड नोट भी लिखा है. किसान ने नोट में तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी आखिरी इच्छा सरकार से जताई है. वहीं उसने किसानों से आखिरी अपील भी की और लिखा कि कानूनों को रद्द करवाने के बाद ही घर जाना.

भगत सिंह ने देश के लिए जान दी थी और मैं किसान भाइयों के लिए जान दे दी. आगे नोट में लिखा है कि ये सरकार किसानों का खून मांगती है और खून मैं देता हूं. किसान ने नोट में अपने आपको रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा और महम विधायक बलराज कुंडू का फैन बताया है.

वहीं टीकरी बॉर्डर पर दिल का दौरा पड़ने से जान गंवाने वाले बुजुर्ग किसान की पहचान जनक सिंह (70) के रूप में हुई है. वह पंजाब के सुनाम के गांव गडूआं के रहने वाले थे. उधर, कुंडली बॉर्डर पर करनाल के किसान रविंद्र की मौत हो गई है. 30 वर्षीय रविंद्र सिंह असंध के ठरी गांव के रहने वाले थे.

वह अपने ट्राली में मृत मिले. पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच में जुटी है. बता दें कि टीकरी बॉर्डर पर अब तक चार किसान खुदकुशी कर चुके हैं. गत दिसम्बर में पंजाब के एक वकील ने टीकरी बॉर्डर पर विरोध स्थल से कुछ किलोमीटर दूर जहरीला पदार्थ खाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.

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