राहुल गांधी ने लोकसभा में उठाया बिटिया प्रकरण, योगी सरकार को घेरा

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 14 दिसंबर को बहुचर्चित चंदपा की बिटिया प्रकरण को लोकसभा में उठाया और यूपी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि यूपी में संविधान नहीं मनु स्मृति लागू हो रही है। परिवार ने मुझसे कहा कि यूपी सरकार ने हमसे वादा किया था कि हम आपको रहने को किसी और जगह जमीन देंगे। चार साल हो गए हैं, यह वादा पूरा नहीं किया। यदि यूपी सरकार परिवार को नई जगह नहीं बसाएगी तो इंडिया गठबंधन यह कार्य करेगा।

सितंबर 2020 में चंदपा क्षेत्र के गांव में बिटिया के साथ दरिंदगी और उसकी मौत का मामला सुर्खियों में रहा था। इस मामले में गत दो जुलाई को बिटिया के पिता ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राहुल गांधी, अखिलेश यादव, बिजनौर सांसद चंद्रशेखर को पत्र लिखा था और कहा था कि सरकार ने उनसे किया दूसरी जगह घर देने का वादा पूरा नहीं किया गया है।

12 दिसंबर को राहुल गांधी ने बिटिया के घर पहुंचकर मामले को फिर से गर्मा दिया। उसी दिन एक्स पर टिप्पणी कर सरकार को घेरा था और अब 14 दिसंबर को लोकसभा में इस मामले को उठाया। लोकसभा में दिए भाषण को उन्होंने टिप्पणी के साथ एक्स पर भी पोस्ट किया।

संसद में राहुल गांधी ने कहा कि हाथरस में चार साल पहले एक बिटिया के साथ दुष्कर्म होता है। तीन-चार लोग दष्कर्म करते हैं। मैं दो-तीन पहले उसे बिटिया के परिवार में मिला। जिन्होंने सामूहिक दुष्कर्म किया, वह बाहर घूम रहे हैं। बिटिया का परिवार अपने घर में बंद हैं। जो अपराधी हैं, वह उनको रोज धमकाते हैं। परिवार ने मुझे फोटो दिखाई। परिवार ने मुझे बताया कि बिटिया का अंतिम संस्कार भी हमें नहीं करने दिया गया। मुख्यमंत्री ने इसके बारे में मीडिया में खुलकर झूठ बोला था। राहुल गांधी ने प्रश्न करते हुए कहा कि यह संविधान में कहां लिखा है कि जो दुष्कर्म करते हैं वो बाहर रहें और जिस परिवार को पीड़ा हुई है, उसे बंद कर दिया जाए। यह बात तो मनु स्मृति में लिखी है, संविधान में नहीं लिखी।

यह था चंदपा का बिटिया प्रकरण
कोतवाली चंदपा क्षेत्र के एक गांव में 14 सितंबर 2020 अनुसूचित जाति की एक युवती गांव के निकट ही खेत में घायल अवस्था में पड़ी मिली थी। उसके भाई ने गांव के युवक संदीप के विरुद्ध जानलेवा हमला व एससी-एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज किया था। युवती को गंभीर अवस्था में अलीगढ़ के मेडिकल कॉलेज में उपचार के लिए भेजा गया था। 22 सितंबर को युवती के बयान के आधार पर सामूहिक दुष्कर्म की धारा बढ़ाई गई थी और तीन अन्य रामू, रवि और लवकुश के नाम बतौर आरोपी शामिल किए गए थे। 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में युवती ने दम तोड़ दिया था। इस मामले में सीबीआई ने जांच की थी। अदालत ने इस मामले में संदीप को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, अन्य तीन आरोपियों को बरी कर दिया था।

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