लेखपाल मर्डर केस: फिरौती के लिए मर्डर, 18 दिन बाद मिला कंकाल, डीएनए जांच की मांग

उत्तर प्रदेश के बरेली में 27 नवंबर को लेखपाल मनीष चंद कश्यप का अपहरण करने के बाद हत्या कर दी गई थी. रविवार को पुलिस ने मनीष कश्यप का कंकाल एक नाले से बरामद किया, जो आरोपी अवधेश कश्यप उर्फ ओमवीर की निशानदेही पर मिला. पुलिस के अनुसार, आरोपी ने मनीष का अपहरण फिरौती की राशि वसूलने के लिए किया था.

पुलिस का कहना है कि आरोपी अवधेश और उसके रिश्तेदार सूरज, नन्हे के साथ मिलकर मनीष को शराब पिलाने के बहाने घर से बुलाकर अपहरण कर लिया था. बाद में, फिरौती की रकम न मिलने के कारण मनीष की हत्या कर दी गई. पुलिस ने आरोपी के पास से मनीष का सामान, दस्तावेज और घटना में प्रयुक्त कार बरामद की है. आरोपी ने स्वीकार किया कि मनीष की हत्या के बाद वह रोज अखबार पढ़ता था, ताकि किसी भी सुराग का पता न चले.

रखने की जगह नहीं मिली तो मार डाला

पुलिस ने बताया कि अवधेश कश्यप लेखपाल मनीष कश्यप को पिछले 6 महीने से जानता था, और वे दोनों अक्सर साथ में शराब पीते थे. अपहरण के बाद कहीं भी मनीष को रखने की जगह नहीं मिल पाई, जिसके कारण उसने मनीष को मफलर से गला घोंटकर मार डाला और शव को नाले में फेंक दिया.

जमीन घोटाले वाले एंगल की भी जांच

मनीष कश्यप के परिवार वाले इस हत्या को जमीन घोटाले से जोड़कर देख रहे हैं. उनका कहना है कि मनीष कश्यप सरकारी जमीन के घोटाले का खुलासा करने वाले थे, और इसी वजह से उनकी हत्या की गई. वे पुलिस द्वारा किए गए खुलासे से संतुष्ट नहीं हैं और डीएनए टेस्ट की मांग कर रहे हैं.

शव की स्थिति बहुत ही खराब

मनीष कश्यप के शव को जंगली कुत्तों ने नोच लिया था, और पुलिस को केवल उसकी खोपड़ी और हड्डियां ही मिलीं. मनीष कश्यप के परिवार के अनुसार, 2012 में उनके पिता की मृत्यु के बाद मनीष को मृतक आश्रित के आधार पर नौकरी मिली थी. मनीष के दो छोटे बच्चे हैं, जिनमें एक 5 साल का बेटा और डेढ़ साल की बेटी शामिल हैं.

पुलिस ने इस मामले को सुलझाने के लिए चार टीमों का गठन किया और कॉल डिटेल से आरोपी तक पहुंची. इसके बाद अवधेश को गिरफ्तार कर लिया गया और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है.

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