हरियाणा के नारनौल कोर्ट परिसर में मंगलवार को गो सेवक मोनू मानेसर को भारी सुरक्षा के बीच पेश किया गया। मोनू मानेसर को छह साल पुराने गो संवर्धन मामले में गवाही देने के लिए पेश किया गया। इसकी वजह से कोर्ट परिसर में सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए गए थे। अभी मोनू मानेसर भोंडसी जेल में बंद है, जिसे मंगलवार को एक मामले में पेश किया गया था।
मिली जानकारी के अनुसार गो सेवक मोनू मानेसर को वर्षा जैन एडीजे कोर्ट में कनीना थाना में नूंह पुलिस द्वारा दर्ज कराए गए गो संवर्धन केस की गवाही के मामले में लाया गया। उस समय थाना कनीना में नूंह पुलिस के सतबीर सिंह ने शिकायत दी थी कि उनकी गाड़ी को काला मेव पचगांवा थाना तावडू व उसके साथी जिनमें शौकत ग्वारका ने टक्कर मारी थी। यह दोनों गोकशी में भी आरोपी है।
उन्होंने शिकायत में बताया था कि तीन अक्तूबर 2019 को उनके नंबर को ट्रैकिंग पर लगाया हुआ था, जो समय करीब 9 बजे इस मोबाइल की लोकेशन धारूहेड़ा के करीब आई। इसके बाद वह अपने साथी व बजरंग दल के प्रधान मोनू मानेसर व उसके अन्य साथियों को साथ लेकर काला व शौकत के नंबरों की लोकेशन के अनुसार नौताना में पहुंच गए। जहां एक काले रंग की स्कॉर्पियो दिखाई दी। उसका पीछा किया तो स्कॉर्पियो में लगभग 4-5 युवक सवार थे। गाड़ी को काला मेव चला रहा था। गाड़ी उन्होंने 3-4 गाय भरी रखी थी। उस गाड़ी का पीछा किया।
बदमाशों ने गांव पोता में चलती गाड़ी से दो गाय नीचे गिरा दी। इसके बाद आरोपियों को पकड़ने के लिए उन्होंने लोहा कांटा गाड़ी के आगे डाल दिया और गाड़ी के टायर पंचर हो गए। इसके बाद भी आरोपी सेहलंग पुलिस नाका तोड़कर खेड़ी गांव के मंदिर वाली बणी में आ गए। वहां पर भी एक गाय को फिर स्कॉर्पियो गाड़ी से नीचे फेंक दिया। इस दौरान आरोपियों ने पुलिस व बजरंग दल के सदस्यों को जान से मारने की नियत से उनकी गाड़ी को टक्कर मारी।
इस मामले में पुलिस ने काला मेव व शौकत मेव व उसके अन्य दो तीन साथियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। इसी कड़ी में मोनू मानेसर को नारनौल कोर्ट में गवाही के लिए लाया गया था। जिसकी वजह से कोर्ट परिसर छावनी में तब्दील हो गई थी।