राज्यसभा में मंगलवार को भारी हंगामा हुआ। आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने सत्तारूढ़ एनडीए के इशारे पर दिल्ली में मतदाता सूची से नाम हटाए जाने का मंगलवार को आरोप लगाया। साथ ही कहा कि भाजपा को आगामी विधानसभा चुनाव से पहले ध्रुवीकरण नहीं करना चाहिए। हालांकि, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ ही केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इसका विरोध किया।
जेपी नड्डा का आप पर वार
नड्डा ने दावा किया कि बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के नाम संविधान में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने आम आदमी पार्टी से पूछा कि क्या वह उनके वोटों से जीत रही है।
संजय सिंह का पलटवार
इस पर सिंह ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश और बिहार के कई हिंदू मतदाताओं के नाम हटाने के लिए आवेदन जमा किए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘ये लोग बांग्लादेशी नहीं हैं। वे रोहिंग्या नहीं हैं। पूर्वी क्षेत्र के लोग दिल्ली चुनाव में आपकी (भाजपा) जमानत गंवा देंगे।’
राज्यसभा में भारत के संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा हो रही थी। आप सांसद ने इस बात की उच्चस्तरीय जांच की मांग की कि नाम हटाने के लिए आवेदन कैसे दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने (एनडीए) महाराष्ट्र में ऐसा ही घोटाला किया। उन्होंने हरियाणा में भी ऐसा ही घोटाला किया। वे घोटाले के जरिए चुनाव जीतना चाहते हैं। दिल्ली में यह ट्रिक काम नहीं आएगी। केजरीवाल और आम आदमी पार्टी यहां हैं।’
10 सालों में क्या कर रहे थे…
नड्डा पर पलटवार करते हुए सिंह ने पूछा, ‘त्रिपुरा, बंगाल और असम के माध्यम से बांग्लादेशी अवैध प्रवासी झारखंड, बिहार और यूपी को पार करने के बाद दिल्ली कैसे पहुंच गए? आप क्या कर रहे थे? अगर आपने पिछले 10 सालों में 10 बांग्लादेशी अवैध अप्रवासियों को बाहर निकाला है तो उनका नाम बताएं। आप राजनीति क्यों करते हैं?’
आप का भाजपा पर हमला
भाजपा पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, ‘अगर आप यहां (दिल्ली में) गंदी राजनीति करते हैं, अगर आप हिंदू-मुस्लिम करते हैं तो हमने यहां दिल्ली में लोगों को तैयार कर दिया है, वे स्कूल-अस्पताल कहेंगे। मैं आपको बताना चाहता हूं कि दिल्ली में तानाशाही दिखाने की कोशिश मत कीजिए। दिल्ली चुनाव मुद्दों के आधार पर लड़ें।’
दलित मुद्दे को भी उठाया
उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उनके पूर्ववर्ती रामनाथ कोविंद को अयोध्या मंदिर में राम लला की प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा के लिए नहीं बुलाया गया था, क्योंकि वे दलित समुदाय से हैं। आज तक किसी दलित, पिछड़े या आदिवासी को आरएसएस प्रमुख क्यों नहीं बनाया गया? आप दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों से नफरत करते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी राज्यों में सरकारें गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त का सहारा लेती है। इस पर सदन में हंगामा होने लगा। नड्डा ने कहा कि संविधान के तहत किसी व्यक्ति को किसी भी व्यक्ति के वोट पर आपत्ति करने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा, ‘भाजपा की ओर से आपत्ति उठाने वालों ने भी कारण बताया है। पूर्वांचल हो, रोहिंग्या हो, अवैध प्रवासी हो, हर कोई इसके अंतर्गत आता है। इसलिए इसे राजनीतिक रंग देने की जरूरत नहीं है।’
केंद्रीय मंत्री और भाजपा सदस्य भूपेंद्र यादव ने कहा कि भारत का चुनाव आयोग एक अर्ध न्यायिक निकाय के रूप में काम करता है और विचाराधीन मामलों का यहां उल्लेख नहीं किया जा सकता है और सिंह ने विषय से परे जो कुछ भी कहा उसे रिकॉर्ड से हटा दिया जाना चाहिए।