किसान आंदोलन का बायकॉट: एसकेएम का बड़ा एलान, आंदोलन में नहीं होंगे शामिल

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने चंडीगढ़ में बुधवार को आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में एसकेएम ने यह फैसला किया कि वह शंभू और खनौरी बॉर्डर से चल रहे किसान आंदोलन में शामिल नहीं होंगे। मोर्चे के नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत के लिए वह भी चिंतित हैं। उगराहां ने कहा कि 23 दिसंबर को एसकेएम पंजाब में बड़ा विरोध प्रदर्शन करेगी। प्रदेश के हर जिला में एसकेएम केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगी। 24 को चंडीगढ़ में फिर बैठक कर अगली रणनीति तय की जाएगी। 

बता दें किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने 30 दिसंबर को पंजाब बंद की कॉल दी है। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी सेवाएं बहाल रखेंगे। हम दुकानदारों, धार्मिक संस्थाओं, व्यापार मंडल और ट्रेड यूनियनों से मीटिंग करेंगे। उनसे मांग करेंगे कि वह पंजाब बंद में सहयोग दें। उधर कांग्रेस की ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनशन को लेकर और किसानों की एमएसपी की मांग को सुनने के लिए उनसे बातचीत किए जाने की सिफारिश की है।

रेल रोको आंदोलन से प्रभावित हुआ यातायात
फिरोजपुर में किसान आंदोलन से बारह ट्रेनें की रद्द व 38 ट्रेनें हुई प्रभावित, किसानों ने डिवीजन में 52 जगह रेलमार्ग पर धरना दिया। लुधियाना स्टेशन पर 4 यात्री ट्रेनें रुकी रहीं, 56 हजार रूपये के टिकट रिफंड किए गए। अबोहर में किसानों ने रेल लाइन पर दिया धरना, कहा मोदी सरकार किसानों के मुद्दों को डिरेल करना चाहती है। वहीं संगरूर में धरने में शामिल नयागांव के इकाई नेता गुरसेवक सिंह ने घोषणा की कि वे खनौरी बार्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन के साथ 19 दिसंबर से पांच दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

राजस्थान जाने वाले ट्रेनें प्रभावित
फाजिल्का में भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धपुर के जिला सचिव लखविंदर सिंह और किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के जिला अध्यक्ष कुलविंदर सिंह ने चेतावनी दी है कि अगर सुनवाई न हुई तो आने वाले समय में रेलवे ट्रैक पक्के तौर पर जाम कर दिया जाएंगे। रेलवे स्टेशन मास्टर अरविंद कुमार ने बताया कि फाजिल्का से फिरोजपुर, कोटकपूरा से फाजिल्का और राजस्थान के गंगानगर से फाजिल्का आने वाली ट्रेनों के रूट प्रभावित हुए हैं। राजस्थान की जाने वाली और आने वाली कई ट्रेन से एक दो घंटे लेट रही। इतना ही नहीं इसके बाद शाम के समय आने वाली ट्रेनें भी लेट आएंगी।

पठानकोट-अमृतसर की दो डीएमयू कैंसिल
पठानकोट में रेल ट्रैक पर धरने की वजह से कई ट्रेनें देरी से रवाना हुई। वहीं, लंबी दूरी की करीब छह ट्रेनों के पहिए तीन घंटे के लिए थम गए। पठानकोट-अमृतसर रेल सेक्शन की दो डीएमयू को कैंसिल भी करना पड़ा। किसानों द्वारा ट्रैक खाली करने के बाद ट्रेनों का आवागमन फिर से बहाल हो गया। इसके अलावा होशियारपुर मोगा, फरीदकोट, मुक्तसर, गुरदासपुर, रोपड़ में भी किसान तीन घंटे रेल ट्रैक पर बैठे रहे।

प्रशासन की मुस्तैदी के बाद रुकी सरहिंद में यात्री ट्रेन
फतेहगढ़ साहिब में दिल्ली से जम्मू जा रही एक यात्री ट्रेन में सवार कई यात्रियों ने रेल रोको आंदोलन को सही करार देते कहा कि केंद्र सरकार तक किसानों की बात पहुंचाने के लिए रेल रोको आंदोलन सही है। सरकार द्वारा वैसे तो किसानों की बात सुनी नहीं जा रही। इसी दौरान कई यात्रियों ने कहा कि किसानों द्वारा रेल रोकना सही नहीं है। रेल की पटरियों पर बैठे किसान नेता प्रकाश सिंह बब्बल भाकियू एकता सिद्धूपुर ब्लाक फतेहगढ़ साहिब के प्रधान ने कहा कि आज जिला प्रशासन की मुस्तैदी से यात्री ट्रैन रुक पाई है, शायद ट्रेन के चालक को आभास नहीं था कि आज किसानों का रेल रोको आंदोलन है, अगर पुलिस प्रशासन मौके पर ना होता तो शायद कोई हादसा हो सकता था। किंतु, प्रशासन ने मौका संभाल लिया। इस मौके पर पंजाब पुलिस के साथ साथ रेलवे पुलिस व आरपीएफ के जवान पूरी तरह मुस्तैद रहे।

जालंधर में छह स्थानों पर किसानों का धरना
रेल रोको आंदोलन के चलते जालंधर में 6 स्थानों पर ट्रेनें रोकी गई। इस दौरान जालंधर से गुजरने वाली कुल 30 ट्रेंने प्रभावित हुई। जिससे यात्री काफी परेशान हुए। लोग सडक़ मार्ग के जरिए अपने गंतव्य की तरफ रवाना हुए। किसानों ने फिल्लौर, जालंधर कैंट, धन्नोवाली, लोहिया खास, भोगपुर और शाहकोट में रेलवे ट्रैक को जाम किया। इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here