घरेलू प्रवासियों की संख्या 12 फीसदी घटी, ईएसी-पीएम ने जारी की रिपोर्ट

भारत में 2011 से 2023 के बीच घरेलू प्रवासियों की संख्या करीब 12 फीसदी घटकर 40.20 करोड़ पहुंच गई है, जो देश में बढ़ते आर्थिक अवसरों का संकेत देती है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

ईएसी-पीएम की रिपोर्ट में क्या कहा गया
ईएसी-पीएम की ओर से जारी आधार पत्र के मुताबिक, ‘2023 में देश में कुल 40,20,90,396 प्रवासी थे, जो 2011 की जनगणना के आंकड़ों से 11.78 फीसदी कम हैं। 2011 में यह संख्या 45,57,87,621 थी।’ रिपोर्ट में कहा गया है, ‘कुल घरेलू प्रवासन में धीरे-धीरे कमी देखी जा रही है। हमारा अनुमान है कि 2023 तक प्रवास करने वालों की संख्या 40.20 करोड़ के आसपास रही है, जो 2011 में दर्ज संख्या से 11.78 फीसदी कम है।’  

घरेलू प्रवासन में गिरावट क्यों आई?
रिपोर्ट के मुताबिक, घरेल प्रवास करने वालों की संख्या में गिरावट का कारण शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा और संपर्क (कनेक्टिविटी) में सुधार और आर्थिक अवसरों का विस्तार है। इन सुधारों के कारण लोग अपने घरों से दूर जाने के बजाय अपने मूल स्थानों या आसपास रहने में सक्षम हो रहे हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि यह गिरावट आर्थिक विकास का संकेत है। 

प्रवासन दर में कमी
इसमें कहा गया है कि 2011 की जनगणना में प्रवासन दर 37.64 फीसदी थी। जबकि 2023 में यह घटकर 28.88 फीसदी हो गई। यह दिखाता है कि प्रवास करने की गति धीमी हो गई है, जो देश की आर्थिक स्थिति और विकास में सुधार का संकेत है। 

रिपोर्ट में आंकड़ों का विश्लेषण कैसे किया गया
यह रिपोर्ट तीन उच्च-आवृत्ति (हाई-फ्रीक्वेंसी) डाटा सेट का उपयोग करके तैयार की गई। पहला, भारतीय रेल अनारक्षित टिकट प्रणाली से यात्री संख्या के आंकड़े। दूसरा, भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (टीआरएआई) से मोबाइल फोन यूजर्स के रोमिंग आंकड़े और तीसरा, जिला स्तर पर बैंकिंग के आंकड़े। इन आंकड़ों का इस्तेमाल करके यह समझने की कोशिश की गई कि प्रवासन का असर कहां कितना पड़ रहा है। 

प्रवासन के स्थानिक पहलू
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बंगलूरू, कोलकाता जैसे बड़े शहरी क्षेत्रों में प्रवासियों के आने की आंकड़े अधिक हैं। यह गुरुत्वाकर्षण मॉडल (ग्रेविटी) मॉडल के अनुसार सही है, जिसमें यह माना जाता है कि प्रवास अधिकतर कम दूरी वाले होते हैं और दूरी के बढ़ने से प्रवास की संभावना घटती है। 

प्रवासियों को आकर्षित करने वाले राज्यों में आया बदलाव
रिपोर्ट के मुताबिक, जो पांच राज्य सबसे अधिक प्रवासियों को आकर्षित करते हैं, उनमें बदलाव आया है। पश्चिम बंगाल और राजस्थान ने इस सूची में प्रवेश किया है, जबकि आंध्र प्रदेश और बिहार अब एक स्थान नीचे आ गए हैं। महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में प्रवासियों की प्रतिशत कम हुआ है, जबकि पश्चिम बंगाल, राजस्थान और कर्नाटक में प्रवासियों की संख्या में वृद्धि हुई है। 

सबसे अधिक प्रवासियों को आकर्षित करने वाले जिले
रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि मुंबई, बंगलूरू, हावड़ा, मध्य दिल्ली और हैदराबाद जैसे जिले सबसे अधिक प्रवासी आकर्षित कर रहे हैं। जबकि वलसाड, चित्रदु, पश्चिम बर्धवान, आगरा, गुंटूर, विलुपुरम और साहसा जैसे जिले सबसे अधिक प्रवासियों के स्त्रोत के रूप में उभरे हैं। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here