कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का गुस्सा अभी थमा नहीं है। इस बीच हरियाणा सरकार ने भले ही विधानसभा में कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव को धराशायी कर दिया हो लेकिन सरकार का समर्थन करने वाले विधायकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, किसान संगठनों ने अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने वाले विधायकों का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर किसान नेताओं ने कहा कि जिन विधायकों ने किसानों की आवाज और फरियाद नहीं सुनी है, उनका बहिष्कार किया जाएगा। अब तय हो गया है कि कौन किसानों के साथ खड़ा है। पहले से गांवों में इनका विरोध हो रहा था और अब उन्हें किसी सूरत में गांव में नहीं आने देंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद मोर्चा सदस्य बूटा सिंह बुर्जगिल, कविता करुंगुटी, डा. आशीष मित्तल, वीरेंद्र सिंह हुड्डा, डा. सुनीलम, विकास सिरसा, राजिंदर सिंह दीपसिंहवाला, जसबीर सिंह ने कहा कि सरकार मुगालते में न रहे कि आंदोलन हो गया है।
आंदोलन पहले की तरह ही जारी रहेगा। किसान फसल की कटाई करेगा तो धरनास्थल की जिम्मेदारी के लिए दूसरे किसानों की व्यवस्था हो गई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली कूच का मोर्चा ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है और इसकी जरूरत पड़ी तो आगे इस पर फैसला जरूर लेंगे।