AI इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद उनके परिजनों से मिलने सोमवार को समस्तीपुर की सांसद शांभवी चौधरी उनके घर पूसा पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने अतुल सुभाष के पिता पवन मोदी, भाई विकास मोदी और उनकी मां के साथ ही परिवार के अन्य लोगों से मिलकर ढांढस बंधाया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वह इस मामले में हर संभव मदद करेंगी। परिजनों ने सांसद से पोते की कस्टडी वापस दिलाने और अतुल की मृत्यु से जुड़े मुद्दों को संसद में उठाने की गुहार लगाई।
परिजनों की न्याय और कस्टडी की मांग
मुलाकात के दौरान अतुल के पिता पवन मोदी ने सांसद शांभवी से आग्रह किया कि उनका पोता जो कि अब मां के जेल में होने के कारण असहाय है, उन्हें सौंपा जाए। उन्होंने कहा कि मेरा बेटा शहीद हुआ है, आप पार्लियामेंट में इस मुद्दे को उठाकर एक नया कानून बनवाएं ताकि कोई दूसरा अतुल सुभाष की तरह शहीद न हो।

महिला कानून के दुरुपयोग पर सांसद ने जताई चिंता
सांसद शांभवी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यह घटना काफी दुखद है। पार्लियामेंट चलने के कारण वह यहां नहीं पहुंच पाईं थी। उन्होंने पीड़ित परिवार से मिलकर घटना की पूरी जानकारी ली है। इस मामले में पीड़ित परिवार द्वारा अतुल के चार वर्ष के बेटे के कस्टडी की मांग की जा रही है। यह मांग उनकी जायज है, क्योंकि उसकी मां निकिता इस समय जेल में है। आखिर बच्चों के करीबी संबंधी उनके दादा-दादी होते हैं तो कोर्ट को चाहिए कि इस मामले में उनके दादा दादी को अतुल के बच्चे की कस्टडी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो वह इस मामले को लोकसभा में भी उठाएंगी, ताकि पुरुष प्रताड़ना के मामले में कमी आए। उन्होंने कहा कि महिला प्रताड़ना को लेकर कानून बनाया गया है, लेकिन इस कानून का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।
15 दिन पहले जारी किया था वीडियो और नोट
AI इंजीनियर अतुल सुभाष ने बेंगलुरु में करीब 15 दिन पहले एक घंटे का वीडियो और 24 पन्नों का सुसाइड नोट जारी करने के बाद आत्महत्या कर ली थी। वीडियो में उन्होंने पत्नी द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न और पुलिस-न्याय प्रणाली में सुधार की जरूरत का उल्लेख किया था। इस घटना के बाद से परिजन न्याय और अपने पोते की कस्टडी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सांसद शांभवी के हस्तक्षेप से परिवार को अब उम्मीद है कि उनकी मांगों को सुनवाई मिलेगी।