बिहार की राजधानी पटना में हुए हंगामे के आरोप में जनसुराज पार्टी के अध्यक्ष प्रशांत किशोर समेत 21 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. इस बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज भी किया. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इस मामले में सरकार को घेरा, साथ ही साथ उनके टारगेट पर सबसे ज्यादा प्रशांत किशोर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने आंदोलन में सबसे आगे खड़े रहने का दावा किया था, वे ही सबसे पहले भाग खड़े हुए हैं.
बीपीएससी अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा, ‘इस सर्दी में जिस तरीके से लाठीचार्ज किया जा रहा है, उससे लोगों का कलेजा दहल जाना चाहिए. अगर इस आंदोलन में किसी अधिकारी और नेता का बेटा होता तो वे क्या करते… मुख्यमंत्री के इशारे पर पुलिसकर्मियों ने अभ्यर्थियों की पिटाई की… वीडियो देखकर कलेजा दहल गया है. इस शांतिपूर्ण धरने और आंदोलन की ताकत कुछ और थी. इस बीपीएससी आंदोलन को कुछ लोगों ने गुमराह करने की कोशिश की है. हम भी चाहते तो लोगों को गांधी मैदान बुला सकते थे और एक कॉल पर 5 लाख लोगों को एकत्रित कर सकते थे, लेकिन उसका हल नहीं निकलना था.’
तेजस्वी ने प्रशांत किशोर पर लगाया आंदोलन भटकाने का आरोप
तेजस्वी ने प्रशांत किशोर पर हमला बोलते हुए कहा, ‘भूख हड़ताल से बीपीएससी कांप रही थी और सरकार हिली हुई थी, लेकिन सरकार ने नया फॉर्मूला निकाला और बीजेपी की बी टीम, जोकि कुछ राजनीतिक दुकानदारी करते हैं, उन लोगों को आगे खड़ा किया गया और गांधी मैदान में आंदोलन को ले जाना पड़ा. जब पिटाई हुई तो कुछ लोग कह रहे थे कि हम आगे खड़े रहेंगे, सबसे पहले वही भाग खड़े हुए. ये आंदोलन को खत्म करने की साजिश है. हम इस बात को कई बार बोल चुके हैं और हम कोई राजनीति करने नहीं आ रहे हैं. अगर राजनीति करनी होती तो अपील कर गांधी मैदान में बुलाकर राजनीति चमकाने का काम करते.’
उन्होंने कहा, ‘आंदोलन करने की गांधी मैदान में कोई इजाजत नहीं दी गई थी. वो इलाका आंदोलन करने का नहीं है. गर्दनीबाग स्थल है. लोगों को भटकाया गया है ताकि छात्रों के खिलाफ एफआईआर हो. अगर एफआईआर होगी तो जेल जाना पड़ेगा और छात्रों को नौकरी नहीं मिलेगी और आप परीक्षा में नहीं बैठ सकते हैं. ये आंदोलन को कमजोर और भटकाने का दूसरा फॉर्मूला बीजेपी के बी टीम ने बनाया है. सरकार से कुछ लोग मिले हुए हैं. उन्हीं लोगों के इशारे पर ये काम हुआ है, लेकिन फिर अभ्यर्थियों को हिम्मत और हौसला नहीं खोना है.’
गांधी मैदान का इलाका कैसे छात्र रणक्षेत्र में तब्दील हुआ?
दरअसल, बीते दिन देर शाम पटना में गांधी मैदान का इलाका छात्र रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. छात्र और पुलिस आमने-सामने थे. पुलिस ने गांधी मैदान में अभ्यर्थियों को प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी थी. सुबह से ही पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील था, लेकिन शाम होते-होते हालात बिगड़ गए. सभी अभ्यर्थी पहले से ही निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक प्रशांत किशोर की अगुवाई में सीएम हाउस की ओर जाने लगे. पुलिस ने रोका तो उन्होंने बैरिकेडिंग तोड़ दी और आगे बढ़ने की कोशिश की.
छात्रों ने आम गाड़ियों को भी रोकना शुरू कर दिया और रास्ता जाम कर दिया. इसके बाद पुलिस ने अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज कर दिया. उनके ऊपर वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया. लाठीचार्ज के बाद आक्रोशित प्रदर्शनकारियों का हंगामा और बढ़ गया. पुलिस के लाठीचार्ज में कई छात्र घायल भी हुए हैं और वे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे. पुलिस ने प्रशांत किशोर समेत 21 लोगों के खिलाफ नामजद और 600-700 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है. उनके खिलाफ मंजूरी के बिना गांधी मैदान में छात्रों की सभा आयोजित करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है.