भूमि अधिग्रहण का विरोध: लखीमपुर के किसानों का जल सत्याग्रह

लखीमपुर खीरी में कृषि योग्य उपजाऊ भूमि के अधिग्रहण के खिलाफ राजापुर और पिपरिया के किसानों ने भारतीय किसान मजदूर यूनियन दशहरी के बैनर तले मंगलवार को लखनऊ में जल सत्याग्रह किया। मांगों को लेकर कड़ाके की ठंड में करीब दो घंटे तक किसान गोमती नदी के पानी में खड़े रहे।

पुलिस और प्रशासन ने किसानों को मनाने और पानी से बाहर आकर बात करने को कहा। किसानों ने कमिश्नर को मौके पर बुलाने की बात कही। दोपहर एक बजे अधिशासी अभियंता आवास विकास कामता प्रसाद मौके पर पहुंचे, किसानों की समस्याएं सुनीं। किसानों ने उन्हें ज्ञापन सौंपा। अभियंता ने जल्द समस्या का निराकरण और कमिश्नर से वार्ता का भरोसा दिया। इस पर किसानों ने जल सत्याग्रह स्थगित किया। 

317 एकड़ कृषि भूमि का किया है अधिग्रहण 
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष यादव ने बताया कि लखीमपुर सदर तहसील के गांव राजापुर और पिपरिया में पूर्व में प्रशासन ने किसी न किसी बहाने पांच चरणों में किसानों की भूमि का अधिग्रहण कर मंडी समिति, आईटीआई, डायट, इंडस्ट्रियल एरिया, पुरानी आवास विकास कॉलोनी को विकसित किया। इसके बाद छठी बार वर्ष 2010 में 317 एकड़ कृषि भूमि का अधिग्रहण कर लिया, जिसका किसान लगातार विरोध कर रहे हैं।

भूमि पर पक्के भवन भी बने हैं। इसको लेकर पूर्व में भी किसान कई बार आंदोलन कर चुके हैं। आरोप है कि आवास विकास परिषद ने अब तक कोई भी निर्माण नहीं कराया है। किसानों ने भूमि का अधिग्रहण निरस्त कर जमीन लौटाने की मांग की है। इस मौके पर संगठन के कई लोग और किसान मौजूद रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here