अपने बच्चों को बनाएं कट्टर हिंदू, देश को एआई के बाद एचआई की जरूरत: धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बृहस्पतिवार को रामपुर पहुंचकर हिंदुत्व को धार दी। उन्होंने हिंदुस्तान में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की तरह हिंदुत्व इंटेलीजेंस (एचआई) की जरूरत बताई और एचआई का तीन रूपों में विस्तार से मतलब भी समझाया। उन्होंने कहा, हिंदू एक नहीं होंगे, तब तक हिंदुस्तान विश्वगुरु नहीं बन सकता। उन्होंने माता-पिता को अपने बच्चों को कट्टर हिंदू बनाने पर जोर दिया। कहा कि एकता में ही शक्ति है। यदि हिंदू एकजुट नहीं होंगे और जातियों में बंटेंगे तो हिंदुस्तान बिखर जाएगा। उन्होंने हिंदुओं की ओर इशारा कर कहा कि आपके सोते रहने का ही कारण है कि तुम्हारी बेटी आशा से आसिया बन रही है।

बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर मोदी ग्रुप की ओर से मोदी फैक्टरी में स्थित ग्लोबल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश का हिंदू सो रहा है, तभी बंट भी रहा है और लोग कहते हैं हिंदू खतरे में हैं। सोते हुए हिंदुओं को जगाना जरूरी है। शास्त्री ने कहा कि जब तक हिंदू नहीं जुड़ेगा, तब तक हिंदुस्तान समृद्ध नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि उनके गुरुदेव ने बचपन में कहा था कि जो भीतर गया वो भी तर गया और जो अंतरमुखी हुआ वह भी तर जाता है।

शास्त्री ने कहा कि एआई ने जैसे पूरी दुनिया में तहलका मचा रखा है, उसी तरह कोई अन्य देश आइकन न होकर केवल भारत ही दुनिया का आइकन होना चाहिए। भारत को आइकन बनना है तो उसे पहले एआई के बाद एचआई की जरूरत है। शास्त्री ने एचआई का मतलब भी समझाया। कहा कि प्रथम यह कि इंटेलीजेंट हिंदू, दूसरा बिजनेसमैन हिंदू हो और तीसरा यह है कि यूनिटी में हिंदू हो। हिंदू एक हो और वह पढ़ा लिखा हो ताकि वह विदेशों में भी जाकर अपनी सनातन की पताका लहरा सके।

उन्होंने कहा कि हिंदू यदि जगे होते तो न तो प्रवचन की जरूरत होती और न ही हिंदू नेताओं की जरूरत होती। पीठाधीश्वर ने कहा कि हिंदू जातियों में बंट रहे हैं। यह गलत है। यदि हिंदू बंटेगा तो देश बंटेगा। शास्त्री ने कहा कि अकेले रहोगे तो तुम्हें भागना पड़ेगा और यदि एक रहोगे तो देश विरोधी ताकतों को भागना पड़ेगा। इस तरह करीब 40 मिनट के प्रवचन में उनका पूरा फोकस हिंदुत्व पर ही रहा।

बोले, नए साल पर गोवा-मनाली नहीं, मंदिर पहुंचे लोग
शास्त्री ने कहा कि नए साल पर हमने काफी परिवर्तन देखा। लोग गोवा-मनाली जाकर नया साल मनाते थे लेकिन, इस बार हमने भारत को बदलते देखा है। पहली बार हिंदुओं ने मंदिर जाकर नए साल की शुरुआत की है। इस तरह हिंदुओं में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। कल तक जो युवा पाश्चात्य संगीत पर थिरकते थे, वह अब हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं। हिंदू का मतलब कोई धर्म-मजहब नहीं है। हिंदू का मतलब जीवन जीने की आचार संहिता है। हिंदुस्तान में सनातन धर्म के अतिरिक्त और कोई धर्म नहीं, जो हैं भी वह मजहबी हैं।

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