भारतीय और बांग्लादेशी कोस्टगार्ड फोर्स से दोनों देशों के मछुआरों की अदला-बदली पूरी की गई. इसमें बांग्लादेशी मछुआरों को उनके देश को सौंपा गया. इनमें 12 मछुआरे डूबे हुए जहाज कौशिक से रेस्क्यू से बचाए गए थे. इंडियन कोस्टगॉर्ड के आईसीजी जहाज वरद और अमृत कौर ने इस अभियान को अंजाम दिया. भारतीय मछुआरों को पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में राज्य मत्स्य विभाग के अधिकारियों को सौंपा जाएगा.
हाल के महीनों में कई भारतीय मछुआरे अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) अनजाने में पार कर बांग्लादेशी जलक्षेत्र में प्रवेश कर गए, जिसके चलते उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इसी तरह, भारतीय जलक्षेत्र में प्रवेश करने पर कई बांग्लादेशी मछुआरों को भी हिरासत में लिया गया.
इंडियन कोस्टगार्ड का पोस्ट
इंडियन कोस्ट गार्ड ने एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया कि 5 जनवरी को 95 भारतीय मछुआरों और 6 मछली पकड़ने वाली नौकाओं को स्वदेश लौटाया गया. इस दौरान 90 बांग्लादेशी मछुआरों को भी उनके देश वापस भेजा गया, जिसमें डूबे हुए जहाज ‘कौशिक’ से बचाए गए 12 मछुआरे शामिल थे. भारतीय मछुआरों को पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना में राज्य मत्स्य अधिकारियों को सौंपा गया.
डूबे हुए जहाज से मछुआरों को बचाया
बांग्लादेशी तटरक्षक बल द्वारा डूबे हुए जहाज कौशिक से 12 मछुआरों को बचाना इस अभियान की एक विशेष घटना थी. यह अभियान भारतीय तटरक्षक बल की चार्टर “वयम् रक्षामः” के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है. मछुआरों को सुरक्षित उनके परिवारों से मिलाना और मानवीय दृष्टिकोण को सर्वोपरि रखना तटरक्षक बलों के मूलभूत सिद्धांतों का हिस्सा है। यह कदम दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को और मजबूत करेगा.
भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव
बांग्लादेश में शेख हसीना की सत्ता से बेदखली के बाद भारत और बांग्लादेश के संबंधों में तनाव बढ़ गया है. 5 अगस्त 2024 को छात्र आंदोलन के बाद शेख हसीना की सरकार गिरने और उन्हें नई दिल्ली आने के बाद से यह स्थिति बनी. 8 अगस्त को मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के गठन के बाद से हिंदू समुदाय और उनके धार्मिक स्थलों पर लगातार हमले हो रहे हैं. भारत ने इन घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है, खासकर जब पिछले महीने एक हिंदू संत को राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया.