भारत से दुश्मनी लेते-लेते गड्ढे में गिरे कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो, देना पड़ सकता है इस्तीफा

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के सोमवार को लिबरल पार्टी के नेता पद से इस्तीफा दे सकते हैं. द ग्लोब एंड मेल ने रविवार को सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है. ऐसा तब हो रहा है जब 53 साल के ट्रूडो कथित तौर पर अपनी पार्टी के भीतर समर्थन खो रहे हैं और कई सर्वों से संकेत मिल रहा है कि अगर आज चुनाव हुए तो पियरे पोलिएवर के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी उन्हें और लिबरल पार्टी को सत्ता से बाहर कर देगी.

ग्लोब एंड मेल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि ट्रूडो का इस्तीफा बुधवार को होने वाली एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कॉकस मीटिंग से पहले आएगा. एक सूत्र ने पब्लिकेशन को बताया कि कनाडाई पीएम ‘समझते हैं कि उन्हें लिबरल कॉकस से मिलने से पहले एक ऐलान करना होगी ताकि ऐसा न लगे कि उन्हें अपने ही सांसदों द्वारा बाहर कर दिया गया है.’ हाल में ट्रूडो की जगह कौन लेगा ये साफ नहीं है, इस बात पर भी कोई स्पष्टीकरण नहीं है कि क्या वह नए नेता के चुने जाने तक प्रधानमंत्री के पद पर बने रहेंगे या नहीं.

अपनी ही पार्टी में बन रहा दबाव

भारत विरोधी रुख अपनाने वाले ट्रूडो अपने देश में घिरते जा रहे हैं. ट्रूडो पर अपनी पार्टी के सांसदों की ओर से इस्तीफा देने के लिए महीनों से दबाव बनाया जा रहा था. यह दबाव तब और बढ़ गया जब उनकी वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने 16 दिसंबर को यह कहते हुए पद छोड़ दिया कि नीतिगत मुद्दों पर उनके और प्रधानमंत्री के बीच मतभेद हैं.

कॉकस की सिफारिश पर होगी नई नियुक्ती

पिछले हफ़्ते ही कई स्थानीय मीडिया आउटलेट्स ने बताया था कि जस्टिन ट्रूडो की टीम विकल्पों पर विचार कर रही है, कि अगर उन्हें लिबरल प्रमुख के पद से हटा दिया जाता है तो भी वे प्रधानमंत्री कैसे बने रह सकते हैं. पार्टी को राष्ट्रीय कॉकस की सिफारिश पर अंतरिम नेता नियुक्त करना होगा या वोटिंग करानी होगी, जिसके बाद लिबरल पार्टी को नया प्रमुख मिलेगा.

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