केजरीवाल सरकार को बड़ा झटका, केंद्र ने ‘राशन की डोरस्टेप डिलीवरी’ योजना पर लगाई रोक!

केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच अभी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र संशोधन विधेयक 2021 को लेकर टकराव की थमा भी नहीं है कि एक और मामले में दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए हैं। दरअसल, केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना पर रोक लगा दी है।

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कहा है कि केंद्र सरकार ने राशन की डोरस्टेप डिलीवरी योजना पर रोक लगा दी है। यह योजना 25 मार्च से शुरू होने वाली थी। आम आदमी पार्टी का कहना है कि इस योजना के तहत हर दिल्लीवासी को उनके घर पर ही राशन मिलता, लेकिन अब केंद्र सरकार ने इस पर रोक लगा दी है।

जानकारी के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने इस योजना को लेकर टेंडर भी जारी कर दिए थे। लेकिन अब इसपर रोक लगने से यह योजना शुरू नहीं हो पाएगी। बताया जा रहा है, केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर ये कहा है कि पूरे देश में राशन वितरण करना उनके अधिकार क्षेत्र में आता है। ऐसे में दिल्ली सरकार इस योजना में कोई बदलाव न करें। चूंकि दिल्ली सरकार राशन वितरण को लेकर एक नई योजना लाई है, इसलिए इसपर रोक लगा दी गई है।

आपको बता दें कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना’ के तहत दिल्ली के हर नागरिक को राशन देने की योजना बनाई थी। अब इसपर रोक लगाए जाने के बाद आम आदमी पार्टी ने ट्वीट करते हुए पूछा है कि आखिर मोदी सरकार इस योजना पर रोक लगाकर राशन माफिया के खात्मे का विरोध क्यों कर रही है?

पिछले सप्ताह शुरू हुई थी योजना

जानकारी के मुताबिक, पिछले सप्ताह दिल्ली सरकार ने इस योजना को 25 मार्च से शुरुआत करने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सीमापुरी सर्कल के 100 घरों में राशन डिलीवरी कर ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना’ का उद्घाटन करने वाले थे, जबकि बाकी अन्य सर्कल में यह योजना 1 अप्रैल से शुरू होनी थी।

आम आदमी पार्टी सरकार का दावा है कि राशन के डोरस्टेप डिलीवरी से कालाबाजारी रोकने और राशन माफिया के खात्में में मदद मिलेगी। दिल्ली सरकार के अनुसार, यह योजना बहुत पहले शुरू हो जाती, लेकिन राशन की दुकानों में बायोमीट्रिक मशीनों के नहीं लग पाने की वजह से देरी हुई है। हालांकि, इस योजना को लेकर एक्शन प्लान पहले तैयार कर लिया गया था।

मालूम हो कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने इस स्कीम के तहत 70 विधानसभा में करीब 17 लाख लोगों के घरों में राशन पहुंचाने की योजना बनाई थी। हालांकि, इसमें यह भी विकल्प खुला था कि यदि कोई राशन दुकान में जाकर राशन लेना चाहे तो वह ले सकता है। इस स्कीम के तहत दिल्ली सरकार ने लोगों को गेहूं की जगह आटा देने की योजना बनाई थी।

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