लखनऊ में गोली लगने से सीआरपीएफ जवान की संदिग्ध मौत, 15 दिन पहले ही आए थे घर

बिहार के छपरा निवासी और सीआरपीएफ 93 बटालियन में सेवारत जवान उपेंद्र कुमार सिंह की लखनऊ में संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई। इस खबर के बाद से उनके गांव लाकठ छपरा और परिवार में कोहराम मच गया है। घटना की जानकारी गुरुवार रात उनके परिजनों को दी गई। हालांकि, प्रारंभिक जांच में आत्महत्या की आशंका जताई जा रही है, लेकिन वास्तविक कारणों का खुलासा जांच पूरी होने के बाद ही हो पाएगा।

सिर में लगी गोली, जांच जारी
ग्रामीणों के अनुसार, 36 वर्षीय उपेंद्र कुमार सिंह के सिर में गोली लगी है। मौत के कारण को लेकर गांव में अटकलों का दौर जारी है। सीआरपीएफ के विभागीय अधिकारियों ने मृतक के परिजनों को घटना की सूचना दी है। उपेंद्र कुमार सिंह वर्ष 2010 से सीआरपीएफ 93 बटालियन में कार्यरत थे। दो साल पहले उन्हें अरुणाचल प्रदेश से स्थानांतरित कर लखनऊ भेजा गया था।

परिवार और गांव में पसरा मातम
उपेंद्र कुमार सिंह अपने पीछे विधवा मां, पत्नी रूबी देवी और दो बेटे 14 वर्षीय ऋषिकेश कुमार सिंह और 11 वर्षीय उज्ज्वल कुमार सिंह को छोड़ गए हैं। उनके छोटे भाई भूपेंद्र कुमार सिंह दुबई में नौकरी करते हैं। संयोगवश गुरुवार सुबह ही भूपेंद्र छुट्टी लेकर घर पहुंचे, जिससे वह अपने भाई के अंतिम संस्कार में शामिल हो सकेंगे। वहीं, जवान उपेंद्र कुमार की शादी वर्ष 2008 में सारण जिले के मांझी थाना क्षेत्र के धर्मपुरा गांव निवासी अर्जुन सिंह की बेटी रूबी देवी से हुई थी। उनके दोनों बेटे गांव के रिद्धि सिद्धि सेंट्रल स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं।

15 दिन पहले आए थे छुट्टी पर
उपेंद्र कुमार सिंह हाल ही में दो-तीन दिन की छुट्टी लेकर अपने गांव आए थे। 29 दिसंबर को वह वापस लखनऊ अपनी ड्यूटी पर लौटे थे। उनकी अचानक मौत की खबर से परिवार और गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।

ग्रामीणों और परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल
जवान की मौत के बाद उनके परिवार के साथ-साथ पूरा गांव शोकाकुल है। परिजनों का कहना है कि उपेंद्र कुमार सिंह ने परिवार और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। उनकी मौत ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है।

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