पश्चिम बंगाल सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए एक अहम फैसला लिया। उन्होंने वाहनों के लिए नई गति सीमा अधिसूचित की है, जो स्कूल और बाजार क्षेत्रों के आधार पर 10 किमी से 50 किमी प्रति घंटे तक होगी। सरकार ने कहा कि बाजार और आवासीय क्षेत्रों से गुजरने वाली सभी शहरी और गैर शहरी सड़कों पर गति सीमा 30 किमी प्रति घंटा तक सीमित कर दी गई है। इससे मृत्यु का जोखिम केवल 10 प्रतिशत तक होगा। स्कूली क्षेत्रों में इसे 25 किसी प्रति घंटे तक सीमित कर दिया गया है।
एक अधिकारी ने कहा, “देश और राज्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन करते हुए शहरी क्षेत्रों में अधिकतम गति सीमा 50 किमी/घंटा तय की गई है। अगर दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में सड़क दुर्घटनाएं होती रहती है तो परिवहन विभाग और पुलिस बसों की गति सीमा की जांच करेगी।” राज्य ने वैज्ञानिक गति प्रबंधन नीति अपनाई, जिसे आईआईटी खड़गपुर के तकनीकी मार्गदर्शन प्राप्त करने के बाद बनाया गया था। नए साल में राज्य गति सीमाओं को अधिसूचित करके आगे बढ़ रही है। इससे सड़क दुर्घटनाओं और मृत्यु दर को कम करने के लिए पूरे राज्य में समान रूप से लागू किया जाएगा।
आईआईटी खड़गपुर के वरिष्ठ फैकल्टी सदस्य, यातायात एवं सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ प्रोफेसर भार्गब मैत्रा ने कहा, अधिसूचित सुरक्षित गति सीमाएं साइंटिफिक है और राज्य में सड़क मृत्यु दर को कम करने में सहायक होगी। बता दें कि आईआईटी खड़गपुर पश्चिम बंगाल सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है।
अधिकारी ने कहा, “आईआईटी खड़गपुर सड़क सुरक्षा बढ़ाने और लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए अन्य राज्यों को भी आवश्यक सहायता प्रदान करेगा।” उन्होंने आगे कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतें अस्वीकार्य है। सड़क सुरक्षा परिदृश्य में सुधार लाने के लिए जो भी करना होगा किया जाएगा। परिवहन मंत्री स्नेहासिस चक्रवर्ती ने बताया कि सड़क सुरक्षा राज्य सरकार के लिए प्राथमिकता वाला क्षेत्र है।