राहुल गांधी का आरएसएस प्रमुख पर हमला- मोहन भागवत ने किया संविधान का अपमान

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को पार्टी के नए कार्यालय का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में कांग्रेस और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत ने संविधान पर हमला किया। यह देशद्रोह और संविधान का अपमान है।

राहुल गांधी ने कहा कि कल मोहन भागवत ने कहा कि संविधान हमारी स्वतंत्रता का प्रतीक नहीं है। लेकिन इसके बाद भी पंजाब, कश्मीर, पूर्वोत्तर में हमारे हजारों कार्यकर्ता मारे गए। मगर कांग्रेस फिर भी कुछ खास मूल्यों के लिए खड़ी रही है। हम इस इमारत में उन मूल्यों को देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिमी दुनिया स्वयं से बाहर पर ध्यान केंद्रित करती है, जबकि भारतीय सोच का तरीका स्वयं को समझने के बारे में है। भारत में भी स्वयं के बारे में दो दृष्टिकोण हैं, जो संघर्ष है। एक हमारा संविधान का विचार और दूसरा आरएसएस का विचार है।

उन्होंने कहा कि मोहन भागवत हर 2-3 दिन में देश को यह बताते हैं कि वे स्वतंत्रता आंदोलन और संविधान के बारे में क्या सोचते हैं? कल उन्होंने जो कहा वह देशद्रोह है। भागवत ने कहा कि संविधान अमान्य है और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई अमान्य थी। भारत में उन्हें सार्वजनिक रूप से यह कहने की हिम्मत है। किसी अन्य देश में अगर वे ऐसा कहते तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता और उन पर मुकदमा चलाया जाता। यह कहना कि भारत को 1947 में आजादी नहीं मिली हर भारतीय का अपमान है। अब समय आ गया है कि हम इस बकवास को सुनना बंद करें, क्योंकि ये लोग सोचते हैं कि वे बस रटते रहेंगे और चिल्लाते रहेंगे।

राहुल गांधी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि आज जो लोग सत्ता में हैं, वे तिरंगे को सलाम नहीं करते, राष्ट्रीय ध्वज को नहीं मानते, संविधान को नहीं मानते और भारत के बारे में उनका नजरिया हमसे बिल्कुल अलग है। वे चाहते हैं कि भारत को एक छायादार, छिपा हुआ और गुप्त समाज चलाए। वे चाहते हैं कि भारत को एक आदमी द्वारा चलाया जाए और वे इस देश की आवाज को कुचलना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि वे दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ी जातियों और आदिवासियों की आवाज को बंद करना चाहते हैं। यह उनका एजेंडा है और मैं कहना चाहूंगा कि इस देश में कोई भी दूसरी पार्टी नहीं है जो उन्हें रोक सके। उन्हें रोकने वाली एकमात्र पार्टी कांग्रेस है। इसका कारण यह है कि हम एक वैचारिक पार्टी हैं और हमारी विचारधारा कल नहीं उभरी है। हमारी विचारधारा आरएसएस की तरह हजारों साल पुरानी है और हम हजारों सालों से आरएसएस की विचारधारा से लड़ रहे हैं।

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