एक तरफ देश विकास के नए आयाम लिखते हुए चंद्रमा पर अपनी पहुंच बनाने में सफल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ देश का एक बेहद महत्वपूर्ण राज्य झारखंड, जो जल, जंगल और प्राकृतिक संप्रदाय से भरपूर है, जिस राज्य से देश के कुल खनिज का 40% से ज्यादा हिस्सा प्राप्त होता है. इस झारखंड के चार जिलों में आजादी के 75 वर्ष बीतने के बाद भी ट्रेन नहीं पहुंच पाई थी.
चौकिए मत यह हकीकत है. झारखंड के चार जिलों में रेलवे कनेक्टिविटी पहुंचाने में आजादी के कितने 75 वर्ष बीतने के बाद भी रेलवे नाकाम रहा. खैर ‘देर आए दुरुस्त आए’… वाली अब सत्य हो रही है. झारखंड के इन चार जिले, जिसमें खूंटी, सिमडेगा, गुमला और चतरा शामिल हैं, यह जिले अब रेल से जुड़ेंगे और इसका नियंत्रण रांची डिवीजन के अंतर्गत होगा.
कौन-कौन से जिले रेल लाइन से जुड़ेंगे?
इन जिलों में चलने वाली रेल परियोजना के लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पूरी हो चुकी है और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के लिए रेलवे बोर्ड को भेज दी गई है. बता दें कि रांची-लोहरदगा रेल लाइन से खूंटी, गुमला और सिमडेगा जिला को जोड़ा जाएगा, जबकि रांची-हजारीबाग रेल लाइन से चतरा जिला को जोड़ा जाएगा.
कहां-कहां बिछेगी रेलवे लाइन?
रेलवे परियोजना का सर्वेक्षण झारखंड रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने पूरा कर लिया है. इसके तहत लोहरदगा से गुमला लगभग 55 किलोमीटर, जबकि गुमला से सिमडेगा तक 43 किलोमीटर, वहीं हटिया से खूंटी तक 20 किलोमीटर और हजारीबाग से चतरा तक 42 किलोमीटर की रेलवे लाइन बिछाई जाएगी. यानि कुल लगभग 120 किलोमीटर रेलवे लाइन बिछाने की तैयारी है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी थी मंजूरी
बता दें कि वर्ष 2024 के अगस्त महीने में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लगभग 6,500 करोड़ रुपए की तीन रेलवे परियोजना को मंजूरी दी थी. इस मंजूरी के तहत देश के जिन चार राज्यों में भारतीय रेलवे के द्वारा रेलवे लाइन स्थापित करना शामिल है, उसमें उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल के सात जिले शामिल हैं. झारखंड के जिन चार जिलों को रेलवे से जोड़ने की तैयारी है, उसमें खूंटी, सिमडेगा, गुमला और चतरा जिला शामिल हैं. इनका कंट्रोल रांची रेलवे डिवीजन के पास होगा.