जिला शिमला के चौपाल उपमंडल के चंजाल पुल इलाके में एक तेंदुए ने पांच साल की मासूम बच्ची पर हमला कर दिया। सोमवार शाम करीब सात बजे जैसे ही बच्ची घर से बाहर निकली तो घात लगाए बैठा तेंदुआ बच्ची को उठा ले गया। आवाज सुन बच्ची की मां चिल्लाने लगी। इसके बाद तेंदुआ बच्ची को घर से कुछ दूर छोड़कर भाग गया।
तेंदुए के हमले से बच्ची की पीठ और कंधा बुरी तरह से जख्मी हो गया है। परिजन बच्ची को नेरवा अस्पताल ले गए, जहां उसका उपचार चल रहा है। तेंदुए के हमले से इलाके के लोग दहशत में हैं। इस हमले के बाद वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए टीम मौके पर भेज दी है। डीएफओ जंगवीर दुल्टा ने लोगों से रात के समय बाहर नहीं निकलने और सतर्कता बरतने की अपील की है। पुलिस ने भी इस मामले में मामला दर्ज कर दिया है।
नेपाल मूल के प्रकाश अपनी पत्नी और बेटी अनुषा के साथ बागवान जगदीश ठाकुर के पास बगीचे में काम करते हैं। बताया जा रहा है कि शाम को जैसे ही बच्ची अपने डेरे से बाहर निकली तो तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया। मां की सूझबूझ के कारण बड़ा हादसा टल गया और उसके चिल्लाने पर तेंदुआ बच्ची को वहीं छोड़कर मौके से भाग गया।
तेंदुए की दशत से ग्रामीण परेशान
उपमंडल चौपाल की ग्राम पंचायत झिकनीपुल, रुसलाह में पिछले पांच छह साल से तेंदुए का आतंक छाया हुआ है। तेंदुए पिछले कई सालों में जहां कई पालतू जानवरों को अपना शिकार बना चुके है। तीन वर्ष पूर्व तेंदुआ एक नेपाली के बच्चे को उठा ले गया था, जिसकी दर्दनाक मौत हो गई थी। पिछले साल भी तेंदुए ने एक अन्य नेपाली बच्चे पर हमला कर उसे लहूलुहान कर दिया था। बच्चे की मां द्वारा शोर मचाये जाने के बाद लोगों ने एकत्रित होकर बड़ी मुश्किल से इस बच्चे को तेंदुए से छुड़ाया था । एक साल पूर्व नार और झिकनीपुल के रास्ते पर तेंदुए नजर लोग दहशत में है । ग्राम पंचायत झिकनीपुल के प्रधान गोपाल चौहान ने बताया कि उन्हें प्रीतम सिंह, हीरा लाल जिंटा, गोविन्द जमटा, विक्रम चौहान एवं सुशील नेगी ने सूचना दी कि नार-झिकनीपुल पैदल रस्ते पर केल्टी के आसपास कई बार तेंदुआ देखा है। लोगों के पालतू कुत्ते भी गायब हुए हैं।
गोपाल चौहान ने बताया कि इसी रास्ते से नार, क्यारनु, बडारा, सूंथ, रावतन, शानग व शेइला आदि आधा दर्जन से अधिक गाँव से बच्चे झिकनीपुल पढ़ने आते है । इस रस्ते पर तेंदुआ नजर आने के बाद इन छात्रों के अभिभावकों को अपने बच्चों की सुरक्षा की चिंता होने लगी है । कुछ अभिभावक तो अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने और उन्हें स्कूल से लेने खुद आना जाना कर रहे है । यदि तेंदुए से ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए शीघ्र ही उपाय न किये गए तो कभी भी यह तेंदुआ किसी अनहोनी को अंजाम दे सकता है । उन्हों ने वन विभाग एवं वन्य प्राणी विभाग से गुहार लगाईं है कि इस तेंदुए को पकड़ कर किसी सुरक्षित क्षेत्र में छोड़ा जाये।
डीएफओ जंगवीर दुल्टा ने कहा कि इस हमले के बाद वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए टीम मौके पर भेज दी है और दो जगह पिंजरे लगाए गए हैं। उन्होंने लोगों से रात के समय बाहर नहीं निकलने और सतर्कता बरतने की अपील की है।