राष्ट्रपति ट्रंप ने संघीय अनुदानों और ऋणों पर लगाई रोक, व्यय की समीक्षा कर रहा है प्रशासन

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने मंगलवार से संघीय अनुदानों और ऋणों को अस्थायी रूप से रोकने का निर्णय लिया है। उनकी सरकार अब सरकारी खर्चों की एक व्यापक वैचारिक समीक्षा करेगी। राष्ट्रपति ट्रंप के इस फैसले से स्वास्थ्य अनुसंधान, शिक्षा कार्यक्रमों और अन्य योजनाओं में बड़ा असर हो सकता है। यहां तक कि जिन अनुदानों को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है लेकिन अभी खर्च नहीं किया गया है, उन्हें भी रोक दिया जाएगा।  

ओएमबी के कार्यवाहक निदेशक का बयान
सरकारी बजट कार्यालय (ओएमबी) के कार्यवाहक निदेशक मैथ्यू वैथ ने एक मेमो में लिखा, ‘करदाताओं के पैसे का उपयोग मार्क्सवादी समानता, ट्रांसजेंडरिज्म और ग्रीन न्यू डील जैसी नीतियों पर करना उन लोगों के जीवन को बेहतर नहीं बनाता, जिनकी हम सेवा कर रहे हैं।’

मेडिकेयर और सोशल सिक्योरिटी लाभ नहीं होंगे प्रभावित
यह रोक मंगलवार शाम 5 बजे (ईटी) से लागू होगी। हालांकि, यह रोक कितनी व्यापक होगी, यह मेमो में स्पष्ट नहीं है। मैथ्यू वैथ ने कहा कि सभी खर्च राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकारी आदेशों के अनुरूप होने चाहिए। ये आदेश ट्रांसजेंडर अधिकारों, पर्यावरणीय न्याय और विविधता, समानता और समावेशन (डीईआई) से जुड़े प्रगतिशील कदमों को पलटने के लिए बनाए गए हैं। मेमो में कहा गया है कि मेडिकेयर और सोशल सिक्योरिटी लाभ इससे प्रभावित नहीं होंगे।  

शीर्ष डेमोक्रेट ने इस फैसले पर व्यक्त की गंभीर चिंता
वहीं सीनेटर पैटी मरे और प्रतिनिधि रोज डेलॉरो, जो सीनेट और हाउस अप्रोप्रिएशन्स कमेटी में शीर्ष डेमोक्रेट हैं, ने इस फैसले पर ‘गंभीर चिंता’ व्यक्त की है। उन्होंने ओएमबी के कार्यवाहक निदेशक को लिखे पत्र में कहा, ‘इस प्रशासन की कार्रवाइयों का असर लगभग सभी संघीय कार्यक्रमों और गतिविधियों पर पड़ेगा। यह हमारे परिवारों की वित्तीय सुरक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा और देश की सफलता को जोखिम में डाल सकता है।’

अमेरिकी सेना में ट्रांसजेंडर्स की भर्ती पर लगेगी रोक
इससे पहले ट्रंप ने सोमवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत अमेरिकी सेना में ट्रांसजेंडर्स की भर्ती पर रोक लग सकती है। कार्यकारी आदेश के तहत नए रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ पेंटागन नीति की समीक्षा करेंगे और समीक्षा के बाद ट्रांसजेंडर्स सैनिकों के अमेरिकी सेना में भर्ती पर रोक लगाने का फैसला कर सकते हैं। साथ ही इस आदेश के बाद उन सैनिकों की भी बहाली हो सकेगी, जिन्हें कोरोना महामारी के दौरान वैक्सीन लगवाने से इनकार के बाद नौकरी से निकाल दिया गया था।

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