कनिष्क विमान हादसे के आरोपी की हत्या: 2022 में रिपुदमन मलिक को मारी गई थी गोली

रिपुदमन मलिक की हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए दो लोगों में से एक को कनाडा में सजा सुनाई गई है। टान्नर फॉक्स को 20 वर्ष तक पैरोल की पात्रता के बिना आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

फॉक्स और जोस लोपेज ने रिपुदमन सिंह मलिक की गोली मारकर हत्या करने के मामले में द्वितीय डिग्री हत्या का दोष स्वीकार किया था। अभियोजकों ने कहा कि मलिक की हत्या के लिए दो लोगों को काम पर रखा गया था और पैसे भी दिए गए थे, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्हें किसने काम पर रखा था। मलिक के परिवार ने कहा कि उन्होंने पीड़ितों के बयानों के जरिए फॉक्स से यह बताने की गुहार लगाई कि उसे किसने काम पर रखा था।

जुलाई 2022 में हुई थी हत्या

साल 2022 में 14 जुलाई को रिपुदमन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। ब्रिटिश कोलंबिया के टेनर फॉक्स और जोस लोपेज ने दूसरी डिग्री की हत्या के लिए अपना अपराध स्वीकार किया।

फॉक्स और लोपेज को मलिक को हत्या का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था, लेकिन साक्ष्य यह स्थापित नहीं कर पाए कि किसने उन्हें काम पर रखा था। मलिक के परिवार ने कहा कि टेनर फॉक्स और जोस लोपेज को इस हत्या को अंजाम देने के लिए काम पर रखा गया था। जब तक उन्हें हायर करने और हत्या को निर्देशित करने वालों को न्याय के कटघरे में नहीं लाया जाता, तब तक न्याय अधूरा रहेगा।

जून 1985 को हुआ था ब्लास्ट

23 जून 1985 को कनाडा से भारत जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट 182 में आयरलैंड के तट के पास हवा में ब्लास्ट हो गया था। हादसे में विमान सवार सभी 329 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकतर भारत में अपने रिश्तेदारों से मिलने जा रहे कनाडाई नागरिक थे। उसी समय जापान में एयरपोर्ट पर एक बम फट गया था, जिसमें दो हैंडलर मारे गए। इस हमले की योजना कनाडा में मौजूद सिख चरमपंथियों ने बनाई थी। इस मामले में मलिक और सह-अभियुक्त अजायब सिंह बागरी को 2005 में एयर इंडिया विमान विस्फोट मामले में बरी कर दिया था।

रिपुदमन मलिक का बेटा हरदीप मलिक कनाडा के सरे में रहता है और बड़ा व्यापारी है। कनाडा सरकार ने उनकी जान को खतरा बताया है। 1985 के एयर इंडिया बम विस्फोट मामले में बरी रिपुदमन सिंह की हत्या के बाद उनके दूसरे बेटे जसप्रीत सिंह मलिक ने सोशल मीडिया पर मार्मिक पोस्ट कर कहा था कि उनके पिता की हत्या कनिष्क बम विस्फोट से संबंधित नहीं है।

हरदीप निज्जर से चल रहा था विवाद 

हत्या से पहले मलिक खालसा कॉलेज शुरू करने जा रहे थे और इसके लिए बाकायदा जत्थेदार को बुलाया गया था। रिपुदमन सिंह ने एक चैनल को इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर और मनिंदर बॉयल को ‘बुलिश’ (आपत्तिजनक शब्द) कहा था। एक धार्मिक कार्यक्रम में हरदीप सिंह निज्जर ने रिपुदमन को कौम का गद्दार कहा था और तमाम लोगों को कहा था कि वह रिपुदमन को सबक सिखाएं।

मोदी समर्थक थे मलिक 

मलिक एक बिजनेसमैन थे, जिन्होंने खालसा क्रेडिट यूनियन और खालसा स्कूल की स्थापना की थी। वह केंद्र सरकार व पीएम मोदी के कट्टर समर्थक थे। कनाडा की पुलिस इसे भी हत्या का एक कारण मान रही है। इसके अलावा श्री गुरुग्रंथ साहिब जी की छपाई को भी रिपुदमन की हत्या का एक कारण मान रही है। इस कारण कनाडा की सिख संगत में रिपुदमन के खिलाफ गुस्सा देखने को मिला। 

बाद में यह मामला श्री अकाल तख्त साहिब तक पहुंचा, जिसके बाद रिपुदमन ने छपाई बंद कर दी और सभी स्वरूप शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को सौंप दिए थे। श्री गुरुग्रंथ साहिब जी को कोई भी अपनी इच्छानुसार नहीं छाप सकता है। पूरी दुनिया में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की प्रिंटिंग सिर्फ अमृतसर में ही होती है। 

रिपुदमन की हत्या टारगेट किलिंग है और इसकी पूरी योजना तैयार कर इसको अमली जामा पहनाया गया है। वहीं ये भी सवाल उठा कि क्या मलिक की हत्या पाकिस्तान के आतंकी संगठन ने तो नहीं करवाई, क्योंकि रिपुदमन ने कुछ कट्टरपंथियों का भंडाफोड़ करने की धमकी दी थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here