पिनाका हथियार प्रणाली: कैबिनेट समिति ने दी गोला-बारूद खरीद को मंजूरी

केंद्र सरकार ने भारतीय सेना के पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर प्रणाली के लिए 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का गोला-बारूद खरीद को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक में यह मंजूरी दी गई।

रक्षा सूत्रों ने बताया कि सीसीएस ने भारतीय सेना की जिस परियोजना को मंजूरी दी है उसके तहत अलग-अलग तरह के गोला बारूद खरीदे जाएंगे। कुछ हथियार सामग्री नागपुर स्थित सोलर इंडस्ट्रीज से और कुछ म्यूनिशन्स इंडिया लि. (एमआईएल) से खरीदे जाएंगे।

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 13 जनवरी को अपने वार्षिक प्रेस कॉन्फेंस में बताया था कि पिनाका की दो अलग-अलग वैरायटी के हिसाब से दो अनुबंध किए जाने हैं। एक अनुबंध 5,700 करोड़ रुपये और दूसरा 4,500 करोड़ रुपये का है और सरकार से जल्द ही इन्हें मंजूरी मिलने की उम्मीद है। पिनाका पहले से ही निर्यात क्षेत्र में एक बड़ी सफलता की कहानी बन चुका है क्योंकि इसे आर्मेनिया खरीद चुका है जबकि फ्रांस सहित कई यूरोपीय देश इसमें रुचि दिखा रहे हैं।

सीसीएस ने जिस हथियार प्रणाली के लिए मंजूरी दी है उसके रॉकेट की मारक क्षमता 45 किमी है। यह पाकिस्तान और चीन दोनों ही सीमाओं के लिए प्रभावी है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन पिनाका प्रणाली के लिए 120 किमी तक मारक क्षमता वाले रॉकेट विकसित करने के अंतिम चरण में है। सेना प्रमुख ने कहा था कि जैसे ही हमें पिनाका रॉकेट्स में लंबी रेंज मिलने लगेगी तो हम अन्य वैकल्पिक लंबी दूरी के हथियारों को छोड़कर इसी सिस्टम पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

75 किमी से अधिक  है मारक क्षमता
यह रॉकेट सिस्टम कई वैरिएंट में उपलब्ध है और 75 किलोमीटर और उससे भी अधिक दूरी तक लक्ष्य को भेद सकता है। इससे पहले आर्मेनिया इसे खरीदने के लिए ऑर्डर दे चुका है और कई अन्य देश इसमें रुचि दिखा रहे हैं। पिनाका एमबीआरएल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने विकसित किया है और इसका उत्पादन सोलर इंडस्ट्रीज, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा और ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड कंपनीज आदि मिलकर कर रहे हैं।

कारगिल युद्ध में सटीक रहा था पिनाका मार्क-1
1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने पिनाक मार्क-1 संस्करण का इस्तेमाल किया था, जिसने पहाड़ की चौकियों पर तैनात पाकिस्तानी चौकियों को सटीकता के साथ निशाना बनाया था और युद्ध में दुश्मन को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here