जब बात स्पेस सेक्टर की हो तो भारत पर दांव लगाएं: पीएम मोदी का एक्स पर पोस्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की सफलता को लेकर सोशल मीडिया पोस्ट एक्स पर एक पोस्ट किया. उन्होंने लिखा, ‘जब अंतरिक्ष क्षेत्र की बात आती है, तो भारत पर दांव लगाइए.’ इस पोस्ट के साथ उन्होंने तीन ग्राफिक्स भी शेयर किए, जिनमें भारत की अंतरिक्ष सफलता को लेकर कई महत्वपूर्ण आंकड़े शामिल थे.

इन आंकड़ों के अनुसार, 1979 से 2014 के बीच भारत ने केवल 35 विदेशी सैटेलाइट लॉन्च किए थे, जबकि 2014 के बाद मात्र 10 सालों में यह संख्या बढ़कर 398 हो गई. इसी तरह, कुल सैटेलाइट लॉन्च की संख्या भी 2014 से पहले 106 थी, जो 2014 के बाद बढ़कर 457 तक पहुंच गई.

भारत की बड़ी छलांग

वहीं, तीसरे ग्राफिक में बताया गया कि 1979 से 2014 तक भारत हर साल औसतन 1.2 सैटेलाइट लॉन्च करता था, लेकिन 2014 के बाद यह औसत बढ़कर 5.2 सैटेलाइट प्रति साल हो गया. यह आंकड़े भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में हो रहे बदलाव और तेजी से बढ़ते कदमों को बताते हैं. इससे पहले भी पीएम मोदी कई बार भारत की अंतरिक्ष शक्ति के बारे में चर्चा कर चुके हैं.

अंतरिक्ष क्षेत्र में कई सुधार किए- पीएम

पिछले स्वतंत्रता दिवस पर पीएम ने कहा भी था कि भारत के विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा में अंतरिक्ष क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. इस दौरान उन्होंने कहा था, ‘हमने इस अंतरिक्ष क्षेत्र में कई सुधार किए हैं, जिससे स्टार्टअप्स और निजी कंपनियों की भागीदारी बढ़ रही है. यह भारत के उज्ज्वल भविष्य का संकेत है.’ इस दौरान पीएम ने भारत के गगनयान मिशन का भी जिक्र किया था.

अंतरिक्ष क्षेत्र में तेजी से काम कर रहा इसरो

इसरो (ISRO) ने हाल ही में स्पेडेक्स मिशन की सफल लॉन्चिंग की, लेकिन भारत यहीं रुकने वाला नहीं है. अगले कुछ सालों में इसरो कई बड़े मिशन लॉन्च करने की तैयारी में है, जिनमें NISAR, चंद्रयान-4 और शुक्रयान शामिल हैं. इसके अलावा, भारत-जापान के सहयोग से लूपेक्स मिशन भी चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जल और खनिज संसाधनों की खोज करेगा.

साल 2025 के लिए इसरो तैयार

NISAR मिशन को NASA और इसरो मिलकर 2025 की शुरुआत में लॉन्च करेंगे. यह सैटेलाइट पर्यावरणीय बदलाव और प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी करेगा. वहीं, चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा से मिट्टी के सैंपल धरती पर लाना है, जो भविष्य में भारत के अंतरिक्ष स्टेशन निर्माण की नींव रखेगा. इसके अलावा, भारत का सबसे कठिन मिशन शुक्रयान 2028 में शुक्र ग्रह के वायुमंडल और सतह का अध्ययन करेगा. इसरो साल 2025 में 36 सैटेलाइट लॉन्च करने की भी तैयारी है.

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