वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली में ग्रैप-3 हटाया

दिल्ली-NCR में हवा की गुणवत्ता सुधरने के बीच केंद्र के पैनल ने सोमवार (03 फरवरी) को बड़ा फैसला लिया है. इस पैनल ने यहां अनुकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण प्रदूषण में कमी आने के बीच ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी GRAP-3 के तहत लागू प्रतिबंधों को हटा दिया. एक आधिकारिक आदेश में इस संबंध में जानकारी दी गई है.

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदूषक तत्वों के फैलाव के लिए अनुकूल परिस्थितियों के बीच दिल्ली में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 के स्तर से नीचे चला गया, जिसके कारण वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रैप स्टेज-3 के तहत लागू प्रतिबंधों को हटा दिया.

GRAP-3 में क्या-क्या लगाए गए थे प्रतिबंध?

GRAP फेज-3 में गैर-जरूरी निर्माण कार्य पर प्रतिबंध शामिल है. स्टेज 3 के तहत ग्रेड V तक के क्लास को हाइब्रिड मोड में स्थानांतरित करना जरूरी है. माता-पिता और छात्रों के पास जहां भी उपलब्ध हो, ऑनलाइन शिक्षा चुनने का विकल्प है. स्टेज 3 के तहत, बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल कारों (फोर व्हीलर) का इस्तेमाल दिल्ली और आसपास के एनसीआर जिलों में प्रतिबंधित है. हालांकि इसमें दिव्यांग लोगों को इससे छूट दी गई. जीआरएपी-3 के तहत दिल्ली में बीएस-IV या पुराने मानकों वाले गैर-जरूरी डीजल से चलने वाली मीडियम स्तर की माल ढोने वाली गाड़ियों पर भी बैन लगाता है. 

सर्दियों के मौसम के दौरान, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र जीआरएपी के तहत प्रतिबंध लागू करता है, जो वायु गुणवत्ता को चार स्टेज में वर्गीकृत करता है. जीआरएपी स्टेज-1 (खराब, AQI 201-300), स्टेज-2 (बहुत खराब, AQI 301-400), स्टेज-3 (गंभीर, AQI 401-450), और स्टेज-4 (गंभीर प्लस, 450 से ऊपर AQI).

दिल्ली में कैसे हो जाती है हवा जहरीली?

दिल्ली-एनसीआर में सर्दियों में प्रतिकूल मौसम संबंधी स्थितियां, गाड़ियों का उत्सर्जन, पराली जलाने, पटाखे और अन्य स्थानीय प्रदूषण स्रोतों के साथ मिलकर हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंच जाती है. इस दौरान लोगों के बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है.

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