गैरजिम्मेदार राजनीति करते हैं राहुल… चीनी घुसपैठ के दावे पर राजनाथ का हमला

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चीन के साथ सीमा विवाद से निपटने के तरीके को लेकर सरकार की आलोचना की थी. जिस पर अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि राहुल ने सेना प्रमुख के बयान को गलत तरीके से पेश किया है. उन्होंने सांसद पर राष्ट्रीय हित के मामलों पर गैर जिम्मेदार तरीके से राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल ने सेना प्रमुख का हवाला देते हुए जो शब्द कहे हैं, वह उन्होंने कभी नहीं कहे. यह बहुत अफसोस की बात है कि वो राष्ट्रीय हित के मामलों पर गैर जिम्मेदार राजनीति में लिप्त हैं.

राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि सेना प्रमुख की टिप्पणी में सिर्फ दोनों पक्षों द्वारा पारंपरिक गश्त में व्यवधान का जिक्र था. उन्होंने कहा कि हाल में हुई सैन्य वापसी के तहत इन प्रथाओं को उनके पारंपरिक स्वरूप में बहाल कर दिया गया है. सरकार ने संसद में इन विवरणों को साझा किया.

https://twitter.com/rajnathsingh/status/1886700535253753972

दरअसल सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात से इनकार किया है कि नी सेना हमारे क्षेत्र में घुसी है, लेकिन किसी कारण से हमारी सेना चीनियों से हमारे क्षेत्र में उनके प्रवेश के बारे में बात करती रहती है और हमारे सेना प्रमुख ने कहा है कि चीनी हमारे क्षेत्र में घुसे हुए हैं.

राहुल के बयान पर रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर चीन ने भारत के किसी क्षेत्र पर कब्जा किया है तो वह 1962 के युद्ध के परिणामस्वरूप अक्साई चिन में 38,000 वर्ग किलोमीटर और 1963 में पाकिस्तान द्वारा चीन को अवैध रूप से दिया गया 5,180 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र है. और उस दौरान देश में कांग्रेस सत्ता में थी. मंत्री ने कहा कि राहुल को इतिहास के इस चरण पर आत्मनिरिक्षण करना चाहिए.

इस बीच बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर सदन में भाषण के दौरान राहुल गांधी द्वारा झूठ और दुष्प्रचार अभियान चलाने के लिए उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही शुरू करने की मांग की. दुबे ने अध्यक्ष को अपना नोटिस सौंपते हुए दावा किया कि कांग्रेस नेता अपने आरोपों को प्रमाणित किए बिना झूठ फैलाने के लिए अपने संसदीय विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं.

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