आरएसएस के एजेंडे को आगे बढ़ाने का प्रयास… यूजीसी के नियमों पर राहुल गांधी

कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों और शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मसौदा नियमों को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने इसे केंद्र सरकार द्वारा आरएसएस के एजेंडे को आगे बढ़ाने का प्रयास करार दिया. उन्होंने इसका जिसका उद्देश्य देश पर “एक इतिहास, एक भाषा, एक परंपरा” थोपना है.

डीएमके की ओर से गुरुवार को यूजीसी के मसौदा नियमों के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. इस प्रदर्शन में राहुल गांधी ने हिस्सा लेते हुए कहा कि आरएसएस का उद्देश्य देश के अन्य सभी संस्कृतियों, इतिहास और परंपराओं को समाप्त करना है.

राहुल गांधी ने कहा कि यही से इसकी शुरुआत होती है और फिर इसे क्रियान्वित किया जाता है. संविधान पर हमला कर देश पर एक विचार – एक परंपरा, एक इतिहास, एक भाषा को थोपना चाहता है.

सभी राज्य की अपनी भाषा और परंपराएं हैं

राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि विभिन्न राज्यों की शिक्षा प्रणाली के साथ यह प्रयास किया जा रहा है. इसके तहत एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. प्रत्येक राज्य का अपना इतिहास, अपनी परंपराएं और अपनी भाषाएं हैं. इसलिए तो संविधान में भारत को ‘राज्यों का संघ’ कहा गया है, इसका साफ मतलब है कि ये सभी परंपराएं, इतिहास, भाषाएं मिलकर भारत को राज्यों का संघ का रूप देती है.

उन्होंने कहा कि हमें सभी सभी परंपराओं, भाषाओं, सभी संस्कृतियों, सभी इतिहासों का सम्मान करना होगा. तमिल लोगों की अपनी भाषा, अपना इतिहास और परंपराएं हैं और उन्होंने इसके लिए संघर्ष किया है.

राहुल गांधी ने यूजीसी के मसौदा नियमों को लेकर कहा कि ऐसा करना उन सभी राज्यों और तमिल लोगों का अपमान है जहां आरएसएस अपना आधिपत्य स्थापित करना चाहता है.

नागालैंड के छात्रों से राहुल ने की मुलाकात, कही ये बात

दूसरी ओर, राहुल गांधी ने अपने एक्स पर नागालैंड के छात्रों से मुलाकात की एक वीडियो ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि जैसा कि मैंने अपने लोकसभा भाषण में कहा था, गतिशीलता का भविष्य सब कुछ बदल देगा.

उन्होंने कहा किमैंने नागालैंड के उत्साही छात्रों के एक समूह के साथ इस नई क्रांति में वाहनों में होने वाले बदलावों के बारे में थोड़ा गहराई से चर्चा की. यह जरूरी है कि हमारी शिक्षा प्रणाली दुनिया में हो रहे बदलाव के हिसाब से खुद को ढाल ले और युवा भारतीयों को ऐसे कौशल और ज्ञान से लैस करे जो उन्हें आगे बढ़ने और अपने देश को आगे ले जाने के लिए जरूरी हों.

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