अगले कुछ ही दिनों में टीम इंडिया 12 साल बाद फिर से चैंपियंस ट्रॉफी पर जीतने के इरादे के साथ अपने अभियान की शुरुआत करेगी. टीम इंडिया को खिताब का दावेदार माना जा रहा है लेकिन टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही टीम की टेंशन बढ़ी हुई है. एक वजह तो स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की फिटनेस है लेकिन दूसरी वजह कप्तान रोहित शर्मा की फॉर्म है. पिछले कई महीनों से रोहित का बल्ला बिल्कुल खामोश है और इंग्लैंड के खिलाफ पहले वनडे मैच में भी रोहित फेल ही रहे. न सिर्फ वो सस्ते में आउट हो गए, बल्कि जिस अंदाज में उन्होंने अपना विकेट दिया, उसने ज्यादा टेंशन दे दी.
पहले वनडे में बुरी तरह फेल रोहित
नागपुर में गुरुवार 6 फरवरी से भारत और इंग्लैंड के बीच वनडे सीरीज की शुरुआत हुई. सीरीज के पहले मैच में ही टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा बुरी तरह फेल हो गए. इंग्लैंड से मिले 249 रन के लक्ष्य के जवाब में जब टीम इंडिया बैटिंग के लिए उतरी तो भारतीय कप्तान शुरू से ही परेशान नजर आए. जोफ्रा आर्चर और साकिब महमूद के पेस अटैक ने उन्हें कुछ मौकों पर छकाया. वहीं उनके साथ ओपनिंग के लिए आए यशस्वी जायसवाल भी शुरुआत से ही मुश्किल में दिखे और जल्द ही आउट हो कर लौट गए.
जायसवाल के आउट होने के बाद कप्तान रोहित पर नजरें थीं कि क्या वो ऐसे वक्त पर टीम को संभाल पाएंगे या नहीं. मगर भारतीय कप्तान ने बुरी तरह निराश कर दिया. पारी के छठे ओवर में साकिब महमूद की गेंद को रोहित शर्मा फ्लिक कर मिडविकेट बाउंड्री के पार पहुंचाना चाहते थे लेकिन गेंद की लेंथ और बॉल की रफ्तार को सही भांप नहीं पाए. उनके शॉट पर गेंद हवा में ऊंची उठ गई और मिड ऑन के फील्डर ने बड़ी आसानी से ये कैच ले लिया. रोहित 7 गेंदों में सिर्फ 2 रन बनाकर पवेलियन लौट गए.
करियर के लिए नहीं है अच्छी खबर
पहले ही टेस्ट क्रिकेट में रोहित का करियर खत्म नजर आ रहा है और अब वनडे क्रिकेट में ऐसी बैटिंग के बाद इस फॉर्मेट में भी टीम इंडिया में उनकी जगह सवालों के घेरे में आने लगी है. इसकी वजह भी है. सभी फॉर्मेट में रोहित की 16 पारियों को देखें तो भारतीय कप्तान ने सिर्फ 166 रन बनाए हैं, जिसमें मात्र एक अर्धशतक शामिल है. उनका औसत सिर्फ 10.37 का है और इस दौरान 11 पारियों में वो सिंगल डिजिट स्कोर पर ही आउट हुए हैं. चैंपियंस ट्रॉफी से पहले रोहित की ये फॉर्म टीम इंडिया के लिए तो चिंता का कारण है ही, खुद रोहित के लिए भी अच्छी खबर नहीं है क्योंकि टूर्नामेंट के बाद इस फॉर्मेट से भी उनका पत्ता कट सकता है.