राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल का निधन

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी और और पूर्व बिहार विधान परिषद के सदस्य कामेश्वर चौपाल का निधन हो गया है. दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में 68 साल की उम्र में कामेश्वर चौपाल ने अंतिम सांस ली है. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. संघ की तरफ से उन्हें प्रथम कार सेवक का दर्जा दिया था. उन्होंने ही राम मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखी थी.

कामेश्वर चौपाल लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे. कामेश्वर चौपाल वह शख्स थे, जिन्होंने 9 नवंबर 1989 को अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के लिए नींव की पहली ‘राम शिला’ (ईंट) रखी थी. उन्होंने राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

संघ के प्रति समर्पित थे कामेश्वर

कामेश्वर चौपाल का जन्म सुपौल जिले कमरैल गांव में हुआ था. उनकी शिक्षा मधुबनी से हीं हुई है.स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद ही वे संघ के प्रति पूरी तरह से समर्पित हो चुके थे.

इसके बाद उन्हें मधुबनी जिले का जिला प्रचारक बना दिया गया था. स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद ही वे संघ के प्रति पूरी तरह से समर्पित हो चुके थे. इसके बाद उन्हें मधुबनी जिले का जिला प्रचारक बना दिया गया था.

रामविलास पासवान के खिलाफ लड़ा था चुनाव

कामेश्वर चौपाल राजनीति में भी लंबे समय तक सक्रिय रहे. 2004 से लेकर 2014 तक वो एमएलसी रहे. हालांकि इस दौरान कई बार उन्होंने चुनाव भी लड़ा लेकिन खास सफलता नहीं मिल पाई. यहां तक की उन्होंने दिवंगत नेता रामविलास पासवान के खिलाफ भी चुनाव लड़ा था. लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ता है.

बिहार बीजेपी ने जताया दुख

कामेश्वर चौपाल के निधन पर भारतीय जनता पार्टी बिहार ने गहरा दुख व्यक्त किया है. श्रद्धांजलि देते हुए बिहार बीजेपी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि कामेश्वर चौपाल राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले, पूर्व विधान पार्षद, दलित नेता, श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के स्थाई सदस्य, विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष रहे.

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