दिल्ली विधानसभा में घटी महिला विधायकों की तादाद

आठवीं दिल्ली विधानसभा में महिलाओं की संख्या कम हो गई है। हालांकि, स्नातक तक की पढ़ाई पूरी करने वाले विधायकों की संख्या बढ़ गई है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। 

‘पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च’ की रिपोर्ट में पाया गया कि शनिवार को घोषित किए गए विधानसभा चुनाव के नतीजों के अनुसार इस बार केवल पांच महिलाएं ही चुनी गई हैं, जो कि पूरे सदन की सात फीसदी हैं। इन पांच महिलाओं में से चार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हैं, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) से एकमात्र महिला विजेता अतिशी हैं। 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आठ महिलाएं चुनकर आई थीं। 

विधानसभा चुनाव में किस पार्टी को कितनी सीटें
दिल्ली में भाजपा ने 27 साल बाद सत्ता में वापसी की है और 70 में से 48 (दो-तिहाई) सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, आप ने 22 सीटों पर जीत हासिल की। जबकि कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली। 

दिल्ली के कितने विधायक स्नातक और स्नातकोत्तर
रिपोर्ट के मुताबिक, 8वीं विधानसभा में स्नातक की डिग्री रखने वाले विधायकों की संख्या बढ़कर 38 फीसदी हो गई है, जबकि 7वीं विधानसभा में यह आंकड़ा 34 फीसदी था। वहीं, स्नातकोत्तर और उससे ऊपर की डिग्री रखने वाले विधायकों की संख्या 26 फीसदी बनी हुई है। पिछली विधानसभा में भी यह आंकड़ा 26 फीसदी था। 

61 फीसदी विधायकों ने राजनीति बताई पेशेवर पहचान
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 61 फीसदी नए विधायकों ने अपनी पेशेवर पहचान राजनीति या सामाजिक कार्य के रूप में दी, जो पिछली विधानसभा में 67 फीसदी थी। इसके साथ कारोबार से जुड़े विधायकों की संख्या बढ़कर 49 फीसदी हो गई, पिछली विधानसभा में यह आंकड़ा 29 फीसदी था। 

दिल्ली में किस आयु वर्ग के कितने विधायक
वहीं, विधायकों की औसत आयु 52 वर्ष है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 13 फीसदी नए विधायक 25 से 40 वर्षी की आयु के बीच के हैं, जो पिछली विधानसभा के 23 फीसदी से कम है। 41 से 55 वर्ष की आयु वाले विधायकों की संख्या 49 फीसदी बनी हुई है, जबकि 56 से 70 वर्ष की आयु के विधायकों की संख्या 34 फीसदी है। 70 फीसदी से ऊपर के विधायकों का आंकड़ा 4 फीसदी है। पिछली विधानसभा में 28 फीसदी विधायक 56 वर्ष या उससे अधिक की उम्र के थे। 

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