बिहार में बिजली विभाग की करतूत सामने आई है, जिसमें विभाग ने पिता को मृत बताकर बेटे पर बिजली चोरी का आरोप लगाते हुए 74 हजार 328 रुपए का जुर्माना किया है। जब पीड़ित ने इस मामले में विभाग के अधिकारियों से शिकायत की तो मामला रफा-दफा करने के लिए रिश्वत की मांग की जा रही है। इसके विरोध में बेटे ने भी विभाग पर मान-हानि का केस करने की बात कह रहे हैं। मामला मुजफ्फरपुर जिले के सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के लकड़ी ढाई अंतर्गत चंदवारा गांव की है।
74 हजार 328 रुपए का किया जुर्माना
इस संबंध मे ढाई मोहल्ला के आनंद बाग निवासी अंकित कुमार का कहना है कि बिजली विभाग के कर्मी नाजायज कमाने के लिए मीटर चेक करने के बहाने घर के मालिक को मृत घोषित कर मुझे बिजली चोरी में फंसा रहा है। वह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करता है और उसके पिता राजेश चौधरी शहर के ही मोतीझील में स्थित एक कपड़ा के दुकान में काम करते हैं। उनका कहना है कि बिजली का कनेक्शन उनके पिता राजेश चौधरी के नाम से है। बीते दिनों बिजली विभाग की छापेमारी टीम घर पर पहुंची और इस क्रम में टीम ने दावा किया कि सर्विस वायर से एलटी लाइन में टोंका फंसाकर बिजली का उपयोग किया जा रहा है। फिर उनलोगों ने अपने हिसाब से एफआईआर दर्ज कर दिया, जिसमें 74 हजार 328 रुपए का जुर्माना किया गया है। पीड़ित अंकित का आरोप है कि वह कम खपत के बावजूद अधिक जुर्माना लगाने पर साक्ष्य लेकर जेई के पास जाने पर इस मामले को मैनेज करने के लिए अब जेई रिश्वत की मांग कर रहे हैं। यही नहीं मेरे जीवित पिता को भी ये लोग मृत घोषित कर दिया है।पीड़ित अंकित ने बताया कि जांच के ही दौरान में घर में अभिभावक नहीं थे। उसके बाद भी सभी जबरन घर में आकर बिजली का मीटर उखाड़ कर ले गये और फिर एफआईआर दर्ज कर दिया गया।
मामले को रफा-दफा करने के लिए मांगी घूस
अंकित ने अब अर्बन-1 डिवीजन के विद्युत कार्यपालक अभियंता विजय कुमार से शिकायत की है। उन्होंने चंदवारा सेक्शन के जेई सूरज कुमार पर साजिश व लापरवाही का आरोप लगाया है। अंकित ने कहा कि वह अब आरोपी इसके अलावा इस मामले में अब जेई सूरज कुमार के खिलाफ मान हानि का मामला दर्ज करेंगे। इस पूरे मामले में जेई सूरज कुमार का कहना है कि छापेमारी का वीडियो उनके पास है, जिसमें अंकित कुमार खुद को स्व. राजेश चौधरी का पुत्र बता रहा है। हमारी ओर से कोई भी गलती नहीं हुई है। चोरी की शिकायत थी, जांच में पाया गया है कि चोरी की जा रही थी। घुस मांगने का आरोप बिल्कुल बेबुनियाद है और अंकित का आरोप सही नहीं है।