कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा केरल दौरे पर हैं. सोमवार को उन्होंने नीलांबुर में UDF बूथ-स्तरीय नेताओं की बैठक में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वायनाड भूस्खलन को आपदा घोषित करने की बात केंद्र सरकार ने स्वीकार कर ली है. उन्होंने कहा कि संसद और विधानसभा में हम सभी ने जो दबाव डाला, आप सभी ने जो दबाव डाला ये उसी का नतीजा है कि सरकार को यह मांग माननी पड़ी.
इसके आगे प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार को पीड़ितों के लिए और अधिक धनराशि भेजनी होगी. उन्होंने कहा कि यह कुछ ऐसा है, जिसके लिए उन्हें खुशी है कि हम इसे हासिल करने में कामयाब हुए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यहां के लोगों को और भी कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों के सामने स्वास्थ्य, शिक्षा और और रोजगार जैसी परेशानियां हैं. इन चुनौतियों का मिलकर समाधान करने की जरूरत है.
‘राज्य और केंद्र सरकार की वजह से धन की कमी’
इससे पहले रविवार 9 फरवरी को वायनाड सांसद ने मलप्पुरम में मानव-पशु और संघर्ष का मुद्दा उठाते हुए कहा कि उन्होंने इसको लेकर पहले भी आवाज उठाई थी और आगे भी उठाती रहेंगी. उन्होंने कहा था कि यहां ज्यादा धन की जरूरत है. राज्य और केंद्र सरकार की वजह से यहां धन की कमी है. उन्होंने कहा कि कि वो सरकार से गुजारिश करेंगी की सभी परेशानियां दूर हो जाएं.
‘मुद्दों के समाधान के लिए सरकार पर दबाव डालूंगी’
सांसद ने कहा कि यह ऐसा मुद्दा है जिस पर हमें ध्यान देने की जरूरत है. इसका समाधान आसान नहीं है, लेकिन जितना मुमकिन होगा वो सरकार पर दबाव डालेंगी. उन्होंने कहा कि फंडिंग बढ़ाने के साथ ही बेहतर निगरानी, सुरक्षा, वन रक्षकों और चौकीदारों की उपलब्धता पर ध्यान देना होगा.
‘केंद्र सरकार ने वायनाड भूस्खलन को आपदा घोषित किया’
वहीं शनिवार को प्रियंका गांधी ने मननथावाडी विधानसभा क्षेत्र में बूथ स्तर के नेताओं की बैठक में भूस्खलन पीड़ितों का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि जिले के पीड़ितों आवास संबंधी तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें पर्याप्त मुआवजा नहीं मिला. उन्होंने कहा कि लोकसभा में हमारी कोशिशों की वजह से केंद्र सरकार ने वायनाड भूस्खलन को गंभीर प्राकृति की आपदा घोषित किया. सांसद ने उम्मीद जताई कि इससे पीड़ितों के पुनर्वास के लिए धन मिलेगा.