दिल्ली हाई कोर्ट में बुधवार 12 फरवरी को 2020 में हुए दिल्ली दंगों की साजिश रचने के मामले में आरोपी उमर खालिद, शरजील इमाम और अन्य आरोपियों द्वारा दायर जमानत याचिकाओं पर हुई सुनवाई. इस दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश एएसजी चेतन शर्मा ने जस्टिस नवीन चावला और शालिंदर कौर की बेंच के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जल्द सुनवाई का अधिकार जमानत देने के लिए एक मुफ्त पास नहीं है, समाज का व्यापक हित प्रबल होना चाहिए. मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी.
इससे पहले पिछले महीने 21 जनवरी को हाई कोर्ट में जमानत याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी. इस दौरान कोर्ट ने स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर (SPP) से कहा था कि दलील पेश करने के लिए हम आपको अंतहीन समय नहीं दे सकते. इसे खत्म होना चाहिए. दरअसल SPP उमर खालिद समेत अन्य की जमानत याचिकाओं का विरोध कर रहे थे. इस दौरान जस्टिस नवीन चावला और शालिंदर कौर की बेंच ने SPP से कहा था कि वो हर वो आरोपी जिसकी जमानत याचिका पर सुनवाई हो रही है उसकी व्यक्तिगत भूमिका पर एक चार्ट बनाएं.
शरजील और उमर पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप
कोर्ट की इस बात पर SPP ने कहा था कि उन्हें हर आरोपी के बारे में नोट बनाने के लिए और आगे की दलीलें रखने के लिए दो दिन का समय दिया जाए, जिस पर कोर्ट ने कहा था कि हम आपको अंतहीन समय नहीं दे सकते, क्योंकि ये जमानत याचिकाएं हैं. इस दौरान SPP कोर्ट में दंगों के आरोपी शरजील इमाम और उमर खालिद के भाषणों का भी जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि शरजील दिल्ली, अलीगढ़, आसनसोल और बिहार में भड़काऊ भाषण दिए.
2020 में शरजील और उमर को किया गया था गिरफ्तार
दंगा मामले में उमर खालिद और शरजील इमाम सहित कई अन्य आरोपी हैं. उमर सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था. उस पर आपराधिक साजिश, दंगा, गैरकानूनी सभा के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत कई अन्य अपराधों का आरोप लगाए गए हैं. 2020 से ही वह जेल में बंद है. वहीं शरजील इमाम को जनवरी 2020 में गिरफ्तार किया गया था. उस पर दिल्ली के जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा है. शरजील पर देशद्रोह और UAPA के तहत मामला चल रहा है.
दिल्ली दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 700 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे. दंगों के दौरान दुकानों और घरों में आग लगा दी गई थी. इस दौरान काफी बवाल मचा. दंगों को लेकर जमकर राजनीति भी हुई थी.