माघ पूर्णिमा के पावन अवसर पर दिव्य और भव्य नजारा सोशल मीडिया पर छाया रहा। श्रद्धालुओं की अपार भीड़ और आध्यात्मिक उल्लास के बीच माघ पूर्णिमा महाकुंभ एक्स (ट्विटर) पर नंबर वन पर ट्रेंड करता रहा। इस पवित्र अवसर पर आए लोगों ने अपने अनुभव साझा किए, जिससे पूरे देश में उत्साह और भक्ति का माहौल बन गया।
गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में डुबकी लगाने के लिए देश भर से श्रद्धालु पहुंचे। स्नान के दौरान ‘हर हर गंगे’ और ‘जय श्रीराम’ के गगनभेदी जयघोष से पूरा महाकुंभ क्षेत्र भक्तिमय हो उठा। इस अद्भुत नजारे को श्रद्धालुओं ने अपने कैमरों में कैद कर सोशल मीडिया पर साझा किया है। हेलीकॉप्टर से होने वाली पुष्पवर्षा ने श्रद्धालुओं के मन को प्रफुल्लित कर दिया।
संगम के जल में आस्था की डुबकी लगाते हुए श्रद्धालुओं ने अपने परिवार और समाज की खुशहाली की कामना की। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों और वीडियो ने देश-विदेश के लोगों को भी इस दिव्य आयोजन से जोड़ दिया है।

हर अंतस को छूती रहीं आस्था, विश्वास और भक्ति की लहरें
माघी पूर्णिमा पर संगम तट पर भक्ति की लहरों में डूबने के लिए श्रद्धालु पौ फटने से पहले ही आतुर हो उठे। महाकुंभ के पांचवें स्नान पर्व पर श्रद्धालु रात से पुण्य की डुबकी लगाने लगे थे। हर-हर महादेव का जयकारा। ढोल-नगाड़ों की थाप। झूमते-गाते हुए भक्तों का रेला संगम जाने वाले हर मार्ग पर दिखाई दे रहा था।

श्रद्धालुओं को कराया भोजन, संगम से स्टेशन तक सजे भंडारे
माघी पूर्णिमा के स्नान पर शहर भर में श्रद्धालुओं के लिए भंडारे सजाए गए। स्नान करके लौटने वालों और स्नान के लिए जा रहे श्रद्धालुओं का प्रयाग की जनता ने अतिथि देवो भव: के भाव से स्वागत किया। संगम जाने वाले मार्ग से जंक्शन के रास्तों पर जगह-जगह खाने-पीने का स्टाल लगाकर श्रद्धालुओं की सेवा की गई। निशुल्क भोजन, चाय, पानी के साथ ही नाश्ते का भी इंतजाम किया गया था। बुधवार को भोर से ही शहर में जगह-जगह भंडारे शुरू हो गए।
चाय, पानी के साथ ही स्नान के लिए पहुंच रहे श्रद्धालुओं को नाश्ते का भी इंतजाम कराया गया। बंगाली सोशल एंड कल्चरल एसोसिएशन के सदस्यों ने इंडियन प्रेस के समीप एवं विज्ञान परिषद के बगल में भंडारा लगाया। सुबह से लेकर शाम तक महाकुंभ मेला से स्नान कर लौटते हुए स्नानार्थियों को भंडारे का प्रसाद ग्रहण करवाया गया। लोग प्रसाद खाकर तृप्त हो रहे थे और जय श्रीराम, गंगा मैया की जय का नारा लगाते हुए वापस जा रहे थे। कीडगंज, बैरहना चौराहा, कोठा पार्चा, रामबाग, सिविल लाइंस में भी जगह-जगह भंडारे के लिए स्टाल लगाए गए थे। स्वयंसेवक श्रद्धालुओं को रोक-रोकर भोजन व नाश्ता करा रहे थे।

पुष्प वर्षा कर मुस्लिम समाज ने किया श्रद्धालुओं का स्वागत
प्रयागराज में एक बार फिर गंगा जमुनी तहजीब नजर आई। माघ पूर्णिमा पर समाज में एकता का संदेश देने के लिए त्रिवेणी स्नान कर लौट रहे श्रद्धालुओं पर मुस्लिम समाज के लोगों ने फूल बरसाकर स्वागत किया। बुधवार को काटजू रोड स्थित अब्दुल्लाह मस्जिद के बाहर जुटे मुस्लिम समाज के लोगों ने श्रद्धालुओं पर फूल बरसाकर एकता का संदेश दिया। इस दौरान मुस्लिम समाज के लोगों ने स्नानार्थियों के लिए खाने-पीने का भी इंतजाम किया था। इस मौके पर तसलीमउद्दीन, हसीब अहमद, अफसर महमूद, रियाजुल हक, मो. फैजी, शिराज अहमद शामिल रहे।

सभी घाटों पर श्रद्धालुओं ने किया स्नान, संगम और ऐरावत पर कम रहा दबाव
माघी पूर्णिमा स्नान पर्व पर महाकुंभ क्षेत्र में हर घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही। हालांकि, जोनल प्लान लागू करने का नतीजा रहा कि संगम तथा झूंसी की तरफ ऐरावत घाट पर अपेक्षाकृत दबाव कम रहा। संगम स्नान के लिए लगातार भीड़ बनी रही। ऐसे में माघी पूर्णिमा स्नान पर दो करोड़ लोगों के आने की उम्मीद की जा रही थी और ऐसा ही नजारा दिखा। मंगलवार रात से ही भारी संख्या में श्रद्धालु आने लगे थे लेकिन बुधवार की सुबह हुजूम उमड़ पड़ा। इसे देखते हुए डायवर्जन एवं जोनल प्लान को पूरी तरह से लागू किया गया।
वाराणसी की तरफ से आने वाले वाहनों को अंदावा की तरफ ही रोक दिया गया था। उधर, से आने वाले लोगों को छतनाग घाट की तरफ मोड़ दिया गया। इसी तरह से झूंसी रेलवे एवं बस स्टेशन से आने वाले श्रद्धालुओं को टीकरमाफी मार्ग से मोड़कर मेला क्षेत्र में भेजा रहा था। साथ ही इनसे नजदीकी गंगा घाट पर स्नान की अपील की जाती रही। इस बाबत जगह-जगह बैरिकेडिंग भी की गई थी।

इसी तरह की व्यवस्था अन्य मार्गों से आने वाले स्नानार्थियों के लिए भी की गई थी। कंट्रोल रूम से भी लगातार अपील की जाती रही कि नजदीकी घाट पर ही स्नान करें। इसका नतीजा रहा कि गंगा के दोनों तट पर करीब 12 किमी में बने घाटों पर भीड़ बंट गई। इससे संगम तथा झूंसी की तरफ ऐरावत घाट पर बहुत दबाव नहीं दिखा। इसके अलावा घाटों पर सुरक्षा कर्मियों के अलावा गंगा दूतों, नागरिक सुरक्षा कोर समेत अन्य संस्थाओं के सदस्य भी मौजूद रहे जो स्नानार्थियों को स्नान के बाद रुकने नहीं दे रहे थे। इससे भी भीड़ निकलती गई।