प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: हरियाणा के किसानों को नहीं मिल रहा कृषि बीमा का भुगतान

हरियाणा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत हरियाणा के किसानों को कृषि बीमा के भुगतान में 90 फीसदी की गिरावट आई है। पीएमएफबीवाई के तहत वर्ष 2022-23 में प्रदेश के किसानों को 2,496.89 करोड़ का भुगतान हुआ, वहीं 2023-24 में 224.43 करोड़ रह गया है। लोकसभा में सांसद दीपेंद्र हुड्डा की तरफ से 4 फरवरी 2025 को पूछे गए सवाल पर सरकार की तरफ से कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री राम नाथ ठाकुर ने जवाब में आंकड़े बताए हैं।

देशभर में किसानों को किए गए दावों के भुगतान में 2022-23 के 18,211.73 करोड़ से घटकर 2023-24 में 15,504.87 करोड़ हुई है। हरियाणा के अलावा राजस्थान 4,141.98 करोड़ (2022-23) से घटकर 2,066.02 करोड़ (2023-24), ओडिशा 568.01 करोड़ (2022-23) से घटकर 209.03 करोड़ (2023-24), मध्य प्रदेश 1,027.48 करोड़ (2022-23) से घटकर 565.28 करोड़ (2023-24) रह गया है।

सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि फसल नुकसान की गणना करने वाली समिति में किसानों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। सरकार और बीमा कंपनियां मिलकर क्लेम निपटारे में मनमानी कर रही हैं, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। प्रदेश के किसानों से बीमा कंपनियां प्रीमियम तो काट लेती हैं, लेकिन मुआवजे की जगह किसानों को दर-दर की ठोकर खानी पड़ती है।

सांसद हुड्डा कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों का भरोसा उठता जा रहा है। बीमा दावों के लंबित रहने के कारणों के रूप में राज्य सरकारों की अनुदान राशि में देरी, फसल उत्पादन के आंकड़ों में विसंगतियां और अन्य प्रक्रियात्मक बाधाएं बताई गई हैं, जिन्हें किसानों के हित के लिए तत्काल सुलझाने की आवश्यकता है।

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