आरबीआई की पाबंदी के बाद न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के बाहर ग्राहकों की कतार

मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के बाहर शुक्रवार को लोगों की कतारें देखी गईं। आरबीआई की ओर से निकासी पर रोक लगने के बाद चिंतित ग्राहक जल्द से जल्द अपना पैसा निकालना चाह रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को पर्यवेक्षी चिंताओं के बीच जमाकर्ताओं की ओर से धन निकासी सहित कई प्रतिबंध लगा दिए थे।

मुंबई में विजयनगर शाखा के बाहर असमंजस में दिखे ग्राहक

रिजर्व बैंक की कार्रवाई के बाद मुंबई के अंधेरी में विजयनगर शाखा के बाहर शुक्रवार को खाताधारकों की भीड़ उमड़ पड़ी। ग्राहक इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि उन्हें अपना पैसा कब मिलेगा। कुछ लोगों ने तो यहां तक कहा कि बैंक उनके सवालों का जवाब नहीं दे रहा है और यहां तक कि इसकी ग्राहक सहायता सेवाएं और एप भी काम नहीं कर रहे हैं।

बैंक के बाहर जमा हुए लोगों में से ज्यादातर वरिष्ठ नागरिक हैं। बैंक अधिकारियों ने कतार में खड़े लोगों को कूपन दिए हैं। उनके अनुसार, ग्राहक इन कूपन का इस्तेमाल अपने लॉकर तक पहुंचने के लिए कर सकते हैं।

न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक, मुंबई को दिए गए भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश गुरुवार को कारोबार की समाप्ति से लागू हो गए तथा छह महीने की अवधि तक लागू रहेंगे और समीक्षा के अधीन होंगे।

बचत, चालू या किसी भी खाते से किसी भी राशि की निकासी पर रोक

आरबीआई ने कहा, “बैंक की वर्तमान तरलता स्थिति को देखते हुए बैंक को निर्देश दिया गया है कि वह जमाकर्ताओं के बचत बैंक या चालू खाते या किसी अन्य खाते से किसी भी राशि की निकासी की अनुमति न दे।” हालांकि, ऋणदाता को आरबीआई के उपरोक्त निर्देशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन जमाराशियों के विरुद्ध ऋण सेट ऑफ करने की अनुमति है। इसमें कर्मचारियों के वेतन, किराया और बिजली बिल जैसी कुछ आवश्यक वस्तुओं के संबंध में व्यय किया जा सकता है।

आरबीआई ने आगे कहा कि 13 फरवरी, 2025 को कारोबार बंद होने के बाद से बैंक पूर्वानुमति के बिना कोई ऋण या अग्रिम राशि नहीं देगा या उसका नवीनीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा और नई जमा राशि स्वीकार करने सहित कोई देयता नहीं लेगा।

केंद्रीय बैंक ने कहा, “बैंक में हाल में हुए महत्वपूर्ण घटनाक्रमों से उत्पन्न पर्यवेक्षी चिंताओं तथा बैंक के जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए ये निर्देश आवश्यक हैं।” इसके अलावा, पात्र जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से 5 लाख रुपये तक की अपनी जमा राशि पर जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने के हकदार होंगे।

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