शत्रु संपत्ति खुर्द बुर्द केस में अब्दुल्ला आजम की जमानत पर बहस पूरी, कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

हरदोई जेल में बंद सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम की जमानत अर्जी पर सोमवार को दोनों पक्षों की बहस के साथ सुनवाई पूरी हुई। कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। कुछ माह पहले शत्रु संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने के आरोप से घिरे सपा नेता आजम खां और अब्दुल्ला आजम को रामपुर पुलिस ने क्लीन चिट दे दी थी। जिस पर यह मामला शासन तक पहुंचा था।

इसके बाद इस मामले में शासन ने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अशोक शुक्ल के खिलाफ जांच बैठा दी गई थी। दोबारा विवेचना के आदेश दिए गए थे। एसपी ने विवेचना अपराध शाखा के इंस्पेक्टर नवाब सिंह को सौंपी थी। नवाब सिंह इस वक्त रामपुर में शहर कोतवाल हैं। इस मामले में पिता-पुत्र को कोर्ट में आरोपी बनाया जा चुका है।

यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इस मामले में अब्दुल्ला आजम की जमानत अर्जी पर सोमवार को सुनवाई हुई। इस दौरान अब्दुल्ला आजम के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि पत्रावली पर उनके वादी के खिलाफ पुख्ता सुबूत नहीं हैं। पुलिस ने सह अभियुक्त के बयान पर झूठा फंसाया है।

अभियोजन की ओर से सहायक अभियोजन अधिकारी स्वदेश शर्मा ने दलील दी कि अब्दुल्ला आजम ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर अपराध को अंजाम दिया है और इसके सुबूत पत्रावली पर मौजूद है। लिहाजा, जमानत निरस्त की जाए। दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। फैसला जल्द आने की उम्मीद है।

यह है मामला
रिकार्ड रूम के सहायक अभिलेखपाल मोहम्मद फरीद की ओर से सिविल लाइंस थाने में 9 मई 2020 को लखनऊ के पीरपुर हाउस निवासी सैयद आफाक अहमद व अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 218, 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें शत्रु संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने का आरोप है।

दरअसल, यह मामला मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी परिसर के अंतर्गत आने वाली भूमि का है, जो कि इमामुद्दीन कुरैशी पुत्र बदरुद्दीन कुरैशी के नाम दर्ज थी। इमामुद्दीन कुरैशी 1947- 48 में भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे और यह संपत्ति शत्रु संपत्ति के रूप में सन 2006 में भारत सरकार के कस्टोडियन विभाग के अंतर्गत दर्ज कर ली गई थी।

रिकॉर्ड की जांच करने पर यह मामला प्रकाश में आया कि राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में जालसाजी कर शत्रु संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने के लिए आफाक अहमद का नाम गलत तरीके से राजस्व रिकॉर्ड में अंकित कर दिया गया था तथा रिकॉर्ड के पन्ने फटे हुए पाए गए थे।

सपा नेता आजम खां ने वापस ली अर्जी 

सीतापुर जेल में बंद सपा नेता आजम खां ने पिछले दिनों एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी। लेकिन, उनके द्वारा जमानत याचिका वापस ले ली गई है।

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