श्रीनगर। पासपोर्ट मामाले में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने सोमवार को महबूबा मुफ्ती की पासपोर्ट जारी करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि ये मामला उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। बता दें कि 27 मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को श्रीनगर स्थित पासपोर्ट ऑफिस से एक पत्र मिला था जिसमें कहा गया था कि उनका पासपोर्ट रिन्यू नहीं हो सकता क्योंकि पुलिस रिपोर्ट आपके अनुकूल नहीं है। इसके बात महबूबा मुफ्ती ने कोर्ट का रुख किया था।
हालांकि पीडीपी प्रमुख को कोर्ट का दरवाजा खटखटाने से भी कोई फायदा नहीं मिला है। उनकी याचिका पर सुनवाई श्रीनगर हाई कोर्ट के जस्टिस अली मोहम्मद माग्रे ने की। जज माग्रे ने कहा, पुलिस वेरीफिकेशन की रिपोर्ट के आधार पर पासपोर्ट ऑफिसर ने आपका पासपोर्ट का रिन्यूअल रद्द किया है। ऐसे मामले में कोर्ट कोई निर्देश नहीं दे सकता। जज ने कहा कि पासपोर्ट जैसे मामलों में कोर्ट के पास सीमित आधिकार क्षेत्र है, आपका मामला पूरी तरह से प्रशासनिक है। जस्टिस अली मोहम्मद माग्रे ने यह भी कहा कि वह इस मामले में कोर्ट के हस्तक्षेप की कोई वजह नहीं जान पाए हैं।
बता दें कि सोमवार को ही पासपोर्ट रिन्यूअल रद्द होने से भड़कीं पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने लिखा, कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने के बाद यहां हालात कितने सामान्य है, ये उसकी एक बानगी है। पासपोर्ट ऑफिस ने सीआईडी की रिपोर्ट के आधार पर ये कहते देते हुए मेरा पासपोर्ट जारी करने से इनकार कर दिया कि यह भारत की सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है। अगस्त 2019 के बाद कश्मीर में इतनी ज्यादा सामान्य स्थिति सरकार ने कर दी है कि एक पूर्व मुख्यमंत्री के पास पासपोर्ट होना भी एक शक्तिशाली राष्ट्र की संप्रभुता के लिए खतरा हो गया है।