उमर ने पाक को दिखाए तेवर, बोले- जब तक आतंकवाद को मदद, नहीं होगी बातचीत

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि भारत सरकार पाकिस्तान से तब तक बात नहीं करेगी, जब तक वह आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद नहीं कर देता. सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हममें से किसी के लिए भी यह कहना मूर्खता होगी कि जम्मू-कश्मीर में जो कुछ हो रहा है, वह पूरी तरह से यहां से हो रहा है और इसमें किसी बाहरी सहायता की जरूरत नहीं है.

यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान अभी भी इस क्षेत्र में दखल दे रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान ने कभी जम्मू-कश्मीर में दखल देना बंद किया है.”

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने हमेशा भारत सरकार की चिंताओं को दूर करने के लिए पाकिस्तान को साथ लेने की कोशिश की है, ताकि एक दोस्ताना कामकाजी संबंध स्थापित हो सके.

पाकिस्तान के साथ बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें ऐसा (पाकिस्तान के साथ कामकाजी संबंध) होता हुआ दिखाई देता है, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने कहा, “मुझे ऐसा होता हुआ दिखाई नहीं देता है.”

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने कभी नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार को पाकिस्तान के साथ बातचीत करने की सलाह दी है, उमर ने कहा, “फिलहाल मुझे भारत द्वारा पाकिस्तान के साथ बातचीत करने की कोई गुंजाइश नहीं दिखती है.”

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में जम्मू-कश्मीर में जिस तरह के हमले हुए हैं, जैसे कि सशस्त्र बलों और निर्माण शिविरों को निशाना बनाया गया है, उसके बाद कोई गुंजाइश नहीं है. सरकार से यह कहना बहुत मुश्किल हो जाता है कि उसे बात करनी है.

भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच फ्लैग मीटिंग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इन बैठकों का उद्देश्य बल प्रयोग के बिना तनाव कम करना है.

बजट को लेकर सीएम ने कही ये बात

जम्मू-कश्मीर के बजट पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमारे पास पांच साल का जनादेश है. एक बजट में सभी मुद्दों को संबोधित नहीं किया जा सकता. हम अपने कार्यकाल में लोगों की सभी उम्मीदों को पूरा करने की कोशिश करेंगे.

उन्होंने कहा कि पहला बजट सभी सार्वजनिक मुद्दों को संबोधित नहीं कर सकता, लेकिन अगले पांच सालों के लिए नींव रखने के लिए यह एक अच्छी शुरुआत होगी.

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें पता है कि लोगों की उम्मीदें हैं और सरकार उन उम्मीदों पर खरा उतरेगी. उन्होंने कहा कि पहले बजट में सभी मुद्दों को हल नहीं किया जा सकता है, लेकिन अगले पांच सालों के लिए नींव रखने के लिए यह एक अच्छी शुरुआत होगी.

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