राजस्थान की राजधानी जयपुर के दो प्रमुख मेडिकल कॉलेजों एसएमएस मेडिकल कॉलेज और महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज को बम से उड़ाने की धमकी भरे ई-मेल से हड़कंप मच गया है। 20 फरवरी की सुबह 9:30 बजे आए इस धमकी भरे ई-मेल में RDX से धमाका करने की बात कही गई थी। हालांकि, हैरान करने वाली बात यह रही कि प्रशासन को इस मेल की जानकारी 22 फरवरी को मिली, जिससे कॉलेज प्रशासन की लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
ई-मेल में धमकी देने वालों ने पांच दिनों की समय सीमा दी थी। अगर यह धमकी वास्तविक होती तो एसएमएस हॉस्पिटल में रोजाना आने वाले 50,000 से अधिक मरीजों और उनके परिजनों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता था।

पुलिस और खुफिया एजेंसियां अलर्ट पर
ई-मेल सामने आते ही जयपुर पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है। दोनों मेडिकल कॉलेजों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। पुलिस साइबर सेल ई-मेल के स्रोत का पता लगाने में जुट गई है। इस घटना ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन की सुस्ती और सुरक्षा तंत्र की गंभीर चूक को उजागर किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे संवेदनशील मामलों में त्वरित प्रतिक्रिया बेहद जरूरी होती है। प्रशासन की लापरवाही से हजारों लोगों की जान खतरे में पड़ सकती थी।
अधिकारियों ने क्या कहा?
SMS मेडिकल कॉलेज प्रशासन का कहना है कि वे पुलिस के साथ समन्वय में काम कर रहे हैं और सुरक्षा बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं, पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही धमकी देने वालों का पता लगाया जाएगा। इस धमकी के बाद जयपुर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, लेकिन प्रशासन की सुस्ती ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही न हो और किसी भी धमकी को गंभीरता से लिया जाए।