मुजफ्फरनगर: शिक्षक की मौत होने के बाद भी जिंदा बताकर किया रेफर

प्राइमरी शिक्षक की मौत के बाद भी जिंदा दर्शाकर हायर सेंटर रेफर करने के मामले में पुलिस ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहपुर के चिकित्सा अधिकारी को आपराधिक साजिश रचने का आरोपी बनाया है। निरीक्षक अपराध ने सीएमओ को पत्र लिखकर चिकित्सक के विरुद्ध विभागीय जांच कराने की भी मांग की है।

थाना मंसूरपुर क्षेत्र के गांव पुरबालियान निवासी अमरीश कंपोजिट विद्यालय सक्कापुर जनपद गाजीपुर में शिक्षक के पद पर कार्यरत थे। अमरीश के साथ उसकी पत्नी प्रीति भी जनपद में ही निवास करती थीं। अमरीश के बीमार होने पर उसे जनपद मऊ के फतिमा अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मृत्यु 17 मई 2024 को हो गई थी।

इसके बाद प्रीति एंबुलेंस में शव लेकर अपनी ससुराल पुरबालियान आ गई थी, लेकिन परिजनों ने अमरीश को जिंदा बताते हुए 108 एंबुलेंस के माध्यम से सीएचसी शाहपुर पहुंचाया। यहां से उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था, लेकिन वहां के चिकित्सकों ने उसे फिर से मृत घोषित कर दिया था।

शिक्षक की हत्या में पत्नी पर कराया था मुकदमा
शिक्षक के पिता मलखान सिंह ने सीजेएम कोर्ट के आदेश पर थाना मंसूरपुर में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि प्रीति, उसके चचेरे भाई शुभम और सहनपाल निवासी सोहजनी तगान ने जहर देकर अमरीश की हत्या की है। इसके बाद साज कर फातिमा अस्पताल मऊ से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया। पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।

विवेचना में पुलिस ने आरोपियों को दी क्लीन चिट
मुकदमे की जांच थाना मंसूरपुर के अपराध निरीक्षक मिथुन दीक्षित ने की। जांच के दौरान साक्ष्य न मिलने की बात कहते हुए पुलिस ने मृतक अमरीश की पत्नी प्रीति, शुभम और सहनपाल को निर्दोष बताते हुए कोर्ट में एफआर लगा दी। वहीं मृतक अमरीश को जिंदा दर्शा जिला अस्पताल रेफर करने का आरोप लगाते हुए सीएचसी शाहपुर के चिकित्साधिकारी डॉ. मयंक सिंह को वादी के साथ आपराधिक साजिश रचने का आरोपी बनाया। इसके साथ ही वादी मुकदमा और मृतक के पिता मलखान सिंह और उनके पुत्र पंकज सिंह को भी धोखाधड़ी का आरोपी बनाया।

सत्यता के लिए करा रहे विभागीय जांच : सीएमओ
सीएमओ डॉ. सुनील तेवतिया ने बताया कि वह मामले की विभागीय जांच करा रहे हैं। इस मामले में एसएसपी से भी उनकी वार्ता हुई। प्रथम दृष्टया चिकित्सक का कोई दोष नजर नहीं आता। उधर, डॉ. मयंक सिंह का कहना है कि विभागीय जांच में सच सामने आ जाएगा।

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