ठाणे नगर निगम में अब एमए-मराठी की डिग्री लेने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों का भी वेतन बढ़ेगा। इसे लेकर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने नगर निगम अधिकारियों को आदेश दिया है। पहले ठाणे नगर निगम ने एमए-मराठी की डिग्री वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की अतिरिक्त वेतन वृद्धि रोकने का फैसला लिया था।
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि ठाणे नगर निगम ने उन कर्मचारियों की वेतन वृद्धि रोकने का फैसला किया था, जिनके पास मराठी में एमए की डिग्री थी। मैंने ठाणे नगर निगम के आयुक्त को इस पर फिर से काम शुरू करने का निर्देश दिया है। जो वेतन वृद्धि रोकी गई थी, उसे बहाल किया जाएगा। हर विभाग पहले 100 दिनों के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए काम कर रहा है। विभागों की दक्षता में 50% तक सुधार हुआ है।
महाराष्ट्र में सरकारी कर्मचारियों के लिए मराठी बोलना अनिवार्य
महाराष्ट्र में मराठी भाषा नीति लागू होने के बाद सरकारी कार्यालयों में मराठी भाषा अनिवार्य कर दी गई है। इसके तहत सरकारी, अर्ध-सरकारी, स्थानीय स्व-सरकारी निकायों, निगमों और सरकारी अनुदान प्राप्त करने वाले कार्यालयों के कर्मचारियों और आगंतुकों के लिए केवल मराठी बोलना अनिवार्य है। इसका पालन न करने पर संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
ठाणे नगर निगम ने दिया था आदेश
हाल ही में ठाणे नगर निगम ने एक सर्कुलर जारी किया। इसमें कहा गया था कि जिन अधिकारियों और कर्मचारियों ने एमए मराठी और इसी तरह के पाठ्यक्रम किए हैं, उन्हें अतिरिक्त वेतन वृद्धि नहीं दी जाएगी। निगम ने कहा था कि हमने सातवां वेतन आयोग लागू कर दिया है। सातवें वेतन आयोग में शिक्षा के आधार पर अतिरिक्त वेतन वृद्धि के संबंध में निर्देश अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं। इसलिए वेतन वृद्धि रोकी गई है।