मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को अलग-अलग कार्यक्रमों में सफाई एवं स्वास्थ्य कर्मियों समेत अन्य वर्ग के लोगों को सम्मानित करने के साथ 45 दिनों तक चले महाकुंभ-2025 के समापन की औपचारिक घोषणा की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने न्यूनतम भत्ता से वंचित कर्मियों को कम से कम 16 हजार रुपये वेतन देने समेत अन्य घोषणाएं की। साथ ही विपक्ष पर तीखे हमले भी किए।
मुख्यमंत्री करीब 11 बजे अरैल पहुंचे। अरैल घाट पर मुख्यमंत्री ने झाड़ू लगाकर मेला क्षेत्र की सफाई के अभियान की शुरुआत की। इसके बाद संगम स्नान और आरती-पूजन के बाद सेक्टर 24 स्थित राणी दुर्गावती पंडाल में आयोजित कार्यक्रम में सफाई तथा स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को सम्मानित किया।इस मौके पर मुख्यमंत्री ने महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए सभी पक्षों को बधाई दी।
कहा कि आस्था का इतना विशाल समागम कहीं हुआ। 66.30 करोड़ लोग आए लेकिन लूट, अपहरण, दुष्कर्म जैसी कोई घटना नहीं हुई। महाकुंभ का दिव्य एवं भव्य स्वरूप सामने आया। पहली बार हुआ जब 80 से अधिक देशों के लोग इसका हिस्सा बने और तारीफ की लेकिन विपक्ष के नेता शुरू से ही महाकुंभ को बदनाम करने में लगे हैं। वे माइक्रो स्कोप लेकर खामियां ढूंढ़्ते रहे लेकिन कुछ नहीं मिला।
मौनी अमावस्या की घटनाएं दुखद
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर 28 एवं 29 फरवरी की रात को दुखद घटना हुई थी। हमारी पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना हैं लेकिन विपक्ष इसकी आड़ में महाकुंभ को बदनाम में जुट गया। विदेश तक की घटनाओं के वीडियो वायरल करके मौनी अमावस्या हादसे से जोड़ने की कोशिश की गई लेकिन सनातनियों ने उन्हें झुठला दिया।
पूरी दुनिया में सनातन धर्म को मानने वालों ने संगम में डुबकी लगाई। सभी ने प्रशासन तथा पुलिस के व्यवहार की सराहना की। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि धर्म से अर्थ की पूर्ति हो सकती है। यह महाकुंभ में दिखा। महाकुंंभ आयोजन से प्रदेश की अर्थव्यवस्था में नया आयाम आया। लाखों रोजगार मिले हैं। आध्यात्मिक टृरिज्म प्रदेश का आर्थिक विकास का आधार बन गया है।

शहरियों के प्रति भी जताया आभार
महाकुंभ को बिग सफल बनाते हुए मुख्यमंत्री ने अतिथियों के स्वागत में बिना किसी रागद्वेष के तत्पर रहने वाले शहरियों के प्रति भी आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि 25 लाख की आबादी वाले शहर में एक साथ पांच करोड़ लोग आ जाएं तो परेशानी को समझा जा सकता है लेकिन शहरियों ने खुले मन से सभी का स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि यहां की भीड़ का असर पूरे प्रदेश में रहा और सभी ने संयम का परिचय दिया। यह सच में अभिभूत करने वाला रहा। सफाई कर्मियों के सम्मान समारोह में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड के ज्यूरी प्रवीण पटेल महाकुंभ में बने तीन विश्व कीर्तिमान की घोषणा करने के साथ सर्टिफिकेट भी दिए। सर्टिफिकेट मुख्यमंत्री ने लिए।

गंगा संकुल में सफाई कर्मियों के साथ सह भोज किया। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने त्रिवेणी संकुल में रोडवेज कर्मियों तथा नाविकों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री सेक्टर छह स्थित नेत्र कुंभ के आयोजन में शामिल हुए। उन्होंने बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन-पूजन किया। इसी क्रम में गंगा पंडाल में पुलिस कर्मियों तथा महाकुंभ आयोजन में लगे अफसरों, कर्मचारियों को सम्मानित करने के साथ संबोधित किया।

मिलेगा न्यूनतम 16000 वेतन, निगम का होगा गठन
महाकुंभ के समापन के मौके पर आए मुख्यमंत्री ने सफाई कर्मियों के साथ न्यनूतक भत्ता से भी वंचित कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी। उन्होंने ऐसे सभी कर्मचारियों को हर महीने न्यूनतम 16 हजार रुपये वेतन देने की घोषणा की। यह राशि सीधे उनके खाते में जाएगी।
मुख्यमंत्री ने इसके लिए अप्रैल तक निगम के गठन की बात भी कही, जो सभी को न्यूनतम 16 हजार रुपये देना सुनिश्चित करेगी। मुख्यमंत्री ने मंच पर ही मौजूद वित्त मंत्री सुरेश खन्ना से इसके लिए सभी औपचारिकताएं जल्द पूरी करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने सफाई कर्मियों को अतिरिक्त बोनस के रूप में 10 हजार रुपये प्रदान करने की भी घोषणा की।
उन्होंने कहा कि यह राशि सफाई कर्मियों के खाते में जाएगी। उन्होंने महाकुंभ में कार्य करने वाले सफाई कर्मियों, स्वास्थ्य तथा अन्य विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को आयुष्मान भारत या मुख्यमंत्री जनआरोग्य योजना का लाभ दिए जाने की भी घोषणा की। इसके तहत कर्मचारी पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने स्वच्छ कुंभ कोष से सफाई कर्मियों को बीमा प्रमाण पत्र भी प्रदान किया।
मुख्यमंत्री ने झाड़ू लगा मेले की सफाई का शुरू किया अभियान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अरैल तट पर झाड़ू लगाकर मेला क्षेत्र तथा शहर में सफाई अभियान की शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने इस अभियान में जनप्रतिनिधियों तथा शहरियों से भी सहभागिता की अपील की।
अरैल में हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद मुख्यमंत्री सबसे पहले घाट पर पहुंचे और सफाई अभियान की शुरुआत की। उनके साथ उप मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों, महापौर, जिला पंचायत अध्यक्ष, सांसद, विधायकों तथा अफसरों ने भी सफाई की। इसी क्रम में सफाई कर्मियों के लिए आयोजित सम्मान में मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ संपन्न हो गया लेकिन अब और सजग रहने की जरूरत है।
मेला क्षेत्र से शिविर, टेंट आदि उखड़ने लगे हैं लेकिन इसमें हर तरह की गंदगी निकलेगी। इसकी सफाई के लिए विशेष अभियान चलाना होगा। उन्होंने 15 दिनों में मेला तथा आसपास के क्षेत्रों की सफाई का लक्ष्य देते हुए विशेष अभियान चलाने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें सफाई कर्मियों के अलावा शहरियों, जनप्रतिनिधियों, अफसरों को भी सहभागिता निभानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ के दौरान संगा का अविरल एवं निर्मल प्रवाह बना रहा। गंगा जल और सफाई व्यवस्था की पूरी दुनिया ने तारीफ की। अब हमारी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।
महाकुंभ में बने पांच धार्मिक सर्किट
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ से कई धार्मिक सर्किट निर्मित हुए हैं। पहली सर्किट है प्रयागराज से मां विध्यवासिनी होते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन। महाकुंभ आयोजन के दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर में 10 से 15 लाख लोगों ने दर्शन-पूजन किया। यही स्थिति विंध्याचल मंदिर में भी रही। दूसरा सर्किट बना अयोध्या होते हुए गोरखनाथ धाम का। अयोध्या में राम मंदिर में इस दौरान रोजाना सात से 10 लाख लोग पहुंचे। गोरखनाथ धाम में भी दो से ढाई लाख श्रद्धालु रोजाना पहुंचे। श्रृंग्वेरपुर धाम होते हुए लखनऊ और नैमिषारण्य धाम तीसरा सर्किट बना। इसी तरह से प्रयागराज से लालापुर, राजापुर होते हुए चित्रकूट चौथा तथा बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के रास्ते मथुरा-वृंदावन पांचवां सर्किट बना। महाकुंभ आयोजन के दौरान इन धार्मिक स्थलों पर भी लाखों लोग पहुंचे।
प्रशासन की थपथपाई पीठ लेकिन शासन के दो अफसरों के ही लिए नाम
मुख्यमंत्री ने महाकुंभ आयोजन की सफलता और उपलब्धियां गिनाने के साथ मेला एवं पुलिस प्रशासन की पीठ भी थपथपाई। हालांकि, इस दौरान मुख्यमंत्री की जुबां पर दो अधिकारियों के नाम ही रहे। मुख्यमंत्री ने पावर कारपाेरेशन के चेयरमैन आशीष गोयल और एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश की खुलकर तारीफ की।
उन्होंने कहा कि आशीष गोयल निरंतर निगरानी करते रहे। एडीजी होने के बावजूद अमिताभ यश भी कंट्रोल रूम में बैठने के बजाया स्वयं सड़क पर उतरे। मुख्यमंत्री ने आयोजन की सफलता में मेला एवं प्रशासन के योगदान को तो सराहा लेकिन मेलाधिकारी विजय किरन आंनद या अन्य स्थानीय अफसरों के नाम नहीं लिए। मुख्यमंत्री के इस रूख को लेकर प्रशासनिक हलके में भी काफी चर्चा है तथा इसके अलग-अलग मायने लगाए जा रहे हैं।
नाविकों को मिलेगा बीमा सुरक्षा संग नाव का पैसा
मुख्यमंत्री ने त्रिवेणी संकुल में अलग-अलग आयोजित कार्यक्रम में नाविकों तथा परिवहन चालकों को सम्मानित किया। उन्होंने प्रशस्ति भी प्रदान किए। मुख्यमंत्री ने नाविकों को बीमा कवर की सुरक्षा दी। साथ ही नाव का पैस देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नाविकों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इसके बाद नाव का पैसा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नाविकों ने महाकुंभ में आए लाखों लोगों की सेवा की। वे निषादराज की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।
परिवहन चालकों को भी मिलेंगे 10 हजार रुपये
यूपी परिवहन के चालकों की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग की बसों के माध्यम से 3.75 करोड़ यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया। इसके लिए उन्होंने महाकुंभ रोडवेज की बसों से जुड़े चालकों को अतिरिक्त बोनस के रूप में 10 हजार रुपये देने की घोषणा की।