नागौर: बिना दहेज रचाई शादी, दूल्हे ने सिर्फ एक रुपया और नारियल लेकर दिया सामाजिक संदेश

समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ एक मिसाल पेश करते हुए नागौर जिले के बुटाटी गांव निवासी सुनील मेघवाल ने बिना दहेज के शादी रचाई। कंप्यूटर शिक्षक दूल्हे ने सादगी से विवाह करते हुए दहेज के रूप में सिर्फ एक रुपया और नारियल स्वीकार किया। उनके इस फैसले की पूरे इलाके में सराहना हो रही है।

दहेज प्रथा के खिलाफ उठाया कदम
अक्सर शादियों में दहेज और रकम को लेकर चर्चाएं होती हैं। दुल्हन पक्ष से मिलने वाले उपहार और धनराशि को समाज में प्रतिष्ठा से जोड़ा जाता है। लेकिन दहेज प्रथा को खत्म करने का संकल्प लेते हुए दूल्हे के पिता बाबूलाल मेघवाल ने अपने बेटे की शादी को दहेज मुक्त करने की मुहिम चलाई।

10 लाख के दहेज को ठुकराया
सरकारी शिक्षक सुनील मेघवाल ने शादी में मिलने वाले 10 लाख रुपये और अन्य दहेज सामग्री को ठुकरा दिया। उनके इस निर्णय से शादी में मौजूद मेहमान चौंक गए, लेकिन सभी ने उनकी इस पहल की सराहना की। सुनील की शादी अमरपुरा निवासी किसान मंगाराम मेघवाल की पुत्री सुशीला से हुई।

शिक्षित समाज की जिम्मेदारी
दूल्हे का कहना है, “हम खुद सक्षम हैं और दहेज जैसी कुप्रथाओं को मिटाना हमारी जिम्मेदारी है। जब शिक्षित लोग इस बदलाव की शुरुआत करेंगे, तभी समाज आगे बढ़ेगा।” शादी में मौजूद सभी लोगों ने दूल्हे के इस साहसिक फैसले की सराहना की और नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया। सादगीपूर्ण शादी संपन्न होने के बाद दूल्हा एक रुपया और नारियल लेकर दुल्हन को विदा कर अपने घर ले गया।

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