स्टाफ की कमी और ताक पर बीएमडब्ल्यू नियम…हेल्थ डिपार्टमेंट पर सीएजी रिपोर्ट

दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को CAG की दूसरी रिपोर्ट की पेश की गई है. ये रिपोर्ट स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर टेबल की गई है. इससे पहले शराब घोटाले को लेकर रिपोर्ट पेश हुई थी. इस तरह 14 रिपोर्ट्स में से दो पेश की जा चुकी हैं. शुक्रवार को टेबल की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में 21% स्टाफ की कमी है. अस्पतालों/कॉलेजों में शिक्षण विशेषज्ञों की 30%, गैर-शिक्षण विशेषज्ञों की 28% और मेडिकल अधिकारियों की 9% कमी है. इसके साथ ही रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है कि बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट (BMW) नियमों का सही से पालन नहीं किया गया है. आइए डिटेल में जानते हैं कि कैग रिपोर्ट में क्या-क्या कहा गया है.

राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं

  • सर्जरी विभाग में 2-3 महीने और प्लास्टिक सर्जरी विभाग में 6-8 महीने की वेटिंग.
  • कई अस्पतालों में मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर काम नहीं कर रहे हैं.
  • एंबुलेंस सेवाएं जरूरी उपकरणों के बिना चल रही हैं.
  • रेडियोलॉजी सेवाओं में लंबी वेटिंग. कुछ अस्पतालों में स्टाफ की कमी की वजह से उपकरणों का उतना उपयोग नहीं हो रहा है जितना होना चाहिए.
  • अस्पतालों में डाइट सर्विस की कमी. इतना ही नहीं फूड क्वालिटी की नियमित जांच भी नहीं.

दवाओं की स्थिति

  • आवश्यक दवा सूची दस साल में केवल तीन बार तैयार की गई.
  • 33% से 47% आवश्यक दवाएं अस्पतालों ने खुद खरीदीं.

हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट

  • जिले स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं का आकलन नहीं किया गया.
  • 2016-17 में 10 हजार नए बेड का ऐलान किया गया लेकिन इसमें से केवल 1 हजार 357 बेड ही जोड़े गए.
  • अस्पताल बनाने की योजनाओं में 6 साल तक की देरी हुई.
  • कुछ अस्पताल सुपर स्पेशियलिटी सेवाएं देने में नाकाम रहे.
  • PPP मोड में लगीं डायलिसिस मशीनें बेकारी पड़ी रहीं.

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